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कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं! पीसी चाको बोले - CWC बैठक में नहीं बुलाया गया

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने उनके साथी नेताओं द्वारा बदलाव की मांग को लेकर लिखे पत्र पर असंतोष जताया साथ ही कहा कि सीडब्ल्यूसी की बैठक में उन्हें नहीं बुलाया गया।

By TaniskEdited By: Published: Tue, 25 Aug 2020 03:14 PM (IST)Updated: Tue, 25 Aug 2020 03:14 PM (IST)
कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं! पीसी चाको बोले - CWC बैठक में नहीं बुलाया गया
कांग्रेस में सबकुछ ठीक नहीं! पीसी चाको बोले - CWC बैठक में नहीं बुलाया गया

 केरल, एएनआइ। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पीसी चाको ने उनके साथी नेताओं द्वारा बदलाव की मांग को लेकर लिखे पत्र पर असंतोष जताते हुए कहा कि दिल्ली में काफी चीजें कामचलाऊ तरीके से चल रही हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) के स्थायी सदस्य होने के बावजूद उन्हें सोमवार को आयोजित महत्वपूर्ण बैठक के लिए आमंत्रित नहीं किया गया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ कांग्रेस नेताओं को पत्र लिखने और सीडब्ल्यूसी की बैठक से पहले इसे मीडिया में जारी करने से बचना चाहिए था।

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चाको ने समाचार एजेंसी एएनआइ से बातचीत में कहा, 'मैं पत्र लिखने के खिलाफ नहीं हूं, लेकिन इस तरह से पत्र लिखने और इसे कार्यसमिति की बैठक से एक दिन पहले प्रेस में जारी करने के खिलाफ हूं। सभी लोग दिल्ली में हैं, केवल एक फोन कॉल पर बैठक हो सकती है। कल मैंने सोनिया गांधी को एक संदेश भेजा और कहा कि दिल्ली काफी चीजें कामचलाऊ तरीके से चल रही हैं। मैं सीडब्लूसी का स्थायी सदस्य हूं, लेकिन मुझे आमंत्रित नहीं किया गया । शायद, मैं कोई समाधान दे देता।'

चाको ने आगे कहा कि गुलाम नबी आज़ाद, मुकुल वासनिक, अहमद पटेल के भी पत्र पर हस्ताक्षर थे। पटेल को सोनिया गांधी का राजनीतिक सलाहकार माना जाता है। यह काफी जटिल मामला है, लेकिन इसने पार्टी की छवि को खराब किया और सोनिया गांधी और राहुल गांधी को चोट पहुंचाई। बता दें कि सोमवार को आयोजित बैठक में सर्वसम्मति फैसला हुआ कि सोनिया गांधी पार्टी की कमान तब तक संभालेंगी जब तक एआइसीसी यानी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की बैठक में नए अध्यक्ष का चुनाव नहीं हो जाता है।

23 वरिष्ठ नेताओं की ओर से बदलाव की मांग के साथ लिखे पत्र के कारण बने माहौल में शुरू हुई बैठक में खासी गहमागहमी दिखी। जानकारी के अनुसार वरिष्ठ नेताओं के पत्र में जिस बदलाव की बात की गई थी उस पर चर्चा नहीं हुई। इसका फैसला अध्यक्ष पर छोड़ा गया कि वह जैसा उचित समझें, वैसा करें। वरिष्ठों की ओर से सफाई दी गई कि वह गांधी परिवार या राहुल गांधी के खिलाफ नहीं हैं।


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