बल्ला कांड पर आकाश विजवर्गीय ने मांगी माफी, अब केंद्र संगठन को भेजा जाएगा माफीनामा
नगर निगम अधिकारी की बल्ले से पिटाई करने के बाद से आकाश विजवर्गीय की मुश्किलें बढ़ गई थी। अब उन्होंने इस मामले में माफी मांग ली है।
भोपाल, जेएनएन। इंदौर से भाजपा विधायक और कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश ने नगर निगम के अफसर की बल्ले से पिटाई करने के मामले में माफी मांग ली है। अधिकारी की बल्ले से पिटाई के मामले में दिए गए कारण बताओ नोटिस के जवाब विधायक आकाश विजयवर्गीय ने घटना के लिए माफी मांगी है। अब पार्टी की प्रदेश इकाई इस माफीनामे को केंद्रीय नेतृत्व को भेजेगी। माफीनामे के साथ ही यह विषय अब लगभग खत्म माना जा रहा है। हफ्तेभर पहले आकाश ने भाजपा प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह से भोपाल में बंद कमरे में लगभग एक घंटे बातचीत की थी। इसमें उन्होंने घटना के संबंध में सफाई भी पेश कर दी थी। यह मामला तब और गंभीर हो गया था जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसदीय दल की बैठक में इस घटना पर नाराजगी जताई थी।
भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश से जुड़ा मामला होने के कारण प्रदेश भाजपा के नेता अब भी इस मामले में बोलने से कतरा रहे हैं। गौरतलब है कि बल्ले से पिटाई की घटना के बाद प्रदेश भाजपा ने चार जुलाई को आकाश को नोटिस जारी कर जवाब मांगा था। पार्टी ने आकाश को जवाब देने के लिए 15 दिन का समय दिया था। इसकी समयसीमा खत्म होने से पहले ही आकाश ने जवाब के रूप में माफी मांग ली।
पहले ही लिखी जा चुकी थी पटकथा
कैलाश विजयवर्गीय के बेटे से जुड़ा मामला होने के कारण सारी पटकथा पहले ही लिख ली गई थी। इसी के तहत बल्ला कांड के बाद मचे कोहराम और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चेतावनी के बाद भाजपा ने कारण बताओ नोटिस तो जारी कर दिया पर किसी को कानोकान खबर नहीं लगने दी। सूत्रों का कहना है कि पार्टी नेताओं की लाइन पर ही गलती स्वीकार कर आकाश द्वारा माफी मांग ली गई। अब मामले को प्रदेश संगठन केंद्रीय नेतृत्व को भेज रहा है। मोदी की नाराजगी के कारण हाईकमान की सहमति के बाद ही बल्ला कांड का पूरी तरह पटाक्षेप किया जाएगा।
संघ भी कार्रवाई के पक्ष में नहीं था
भाजपा सूत्रों का कहना है कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भी इस पक्ष में नहीं है कि आकाश के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। इसकी वजह यह बताई गई है कि प्रदेश में सरकारी अमला जानबूझकर ऐसे हालात पैदा कर रहा है कि असहज स्थिति बने। इस मामले में भी यही माना जा रहा है कि सरकारी अमले द्वारा जानबूझकर विधायक को उकसाया गया। दूसरी वजह प्रदेश में भाजपा के विधायकों की संख्या पहले ही 109 से घटकर 108 बची है। ऐसे हालात में आकाश के खिलाफ कोई भी सख्त कार्रवाई के पक्ष में नहीं था।
विजयवर्गीय मौन
भाजपा द्वारा जारी नोटिस पर बात करने के लिए विधायक आकाश विजयवर्गीय से बात करने का भरसक प्रयास किया गया, लेकिन वे उपलब्ध नहीं हुए। उनके पीए अभिषेक ने जवाब दिया कि वे बैठक कर रहे हैं।