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अजीत पवार की 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियां हुर्हं जब्त , जानें क्यों हुई कार्रवाई

आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की 1000 करोड़ मूल्य से ज्यादा की संपत्तियां अस्थायी तौर पर जब्त कर ली हैं। आयकर विभाग द्वारा यह कार्रवाई काफी छानबीन के बाद प्राहिबिशन आफ द बेनामी प्रापर्टी ट्रांजैक्शन्स एक्ट 1988 के तहत की गई हैं।

By Arun Kumar SinghEdited By: Published: Tue, 02 Nov 2021 07:56 PM (IST)Updated: Thu, 04 Nov 2021 07:28 AM (IST)
अजीत पवार की 1000 करोड़ से ज्यादा की संपत्तियां हुर्हं जब्त , जानें क्यों हुई कार्रवाई
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की 1000 करोड़ मूल्य से ज्यादा की संपत्तियां अस्थायी तौर पर जब्त

राज्य ब्यूरो, मुंबई। आयकर विभाग ने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार की 1000 करोड़ मूल्य से ज्यादा की संपत्तियां अस्थायी तौर पर जब्त कर ली हैं। आयकर विभाग द्वारा यह कार्रवाई काफी छानबीन के बाद प्राहिबिशन आफ द बेनामी प्रापर्टी ट्रांजैक्शन्स एक्ट, 1988 के तहत की गई हैं। आयकर विभाग ने कुछ दिनों पहले अजीत पवार एवं उनकी तीन बहनों के घरों एवं व्यावसायिक प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की थी। ये छापेमारी कई दिन तक चली थी।

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छापों से मिले सुराग के आधार पर कार्रवाई

माना जा रहा है कि इन्हीं छापों से मिले सुराग के आधार पर आयकर विभाग ने आज की कार्रवाई की है। विभाग द्वारा जब्त की गई संपत्तियों में सातारा की जरंडेश्वर चीनी मिल की कीमत 600 करोड़, दक्षिण मुंबई स्थित एक फ्लैट की कीमत करीब 20 करोड़ रुपए, नरीमन प्वाइंट के निर्मल टावर स्थित उनके बेटे पार्थ पवार के एक आफिस की कीमत 25 करोड़ रुपए एवं गोवा स्थित एक रिसार्ट की कीमत करीब 250 करोड़ रुपए बताई जा रही है। एक भाजपा नेता का कहना है कि ये संपत्तियां अजीत पवार के पुत्र, उनकी पत्नी, मां, बहनों आदि के नाम पर हैं।

शरद पवार ने फोड़ा था इन छापों का ठीकरा भाजपा पर

बता दें कि कुछ दिनों पहले ही जब आयकर विभाग ने अजीत पवार एवं उनकी बहनों के घरों व प्रतिष्ठानों पर छापेमारी की थी, तब अजीत पवार ने कहा था कि उनसे जुड़ी सभी कंपनियों एवं प्रतिष्ठानों के आयकर नियमित रूप से भरे जाते हैं। तब उन्होंने यह भी कहा था कि राज्य का वित्तमंत्री होने के नाते उन्हें वित्तीय अनुशासन के बारे में मालूम है। इस छापेमारी के बाद राकांपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं अजीत पवार के चाचा शरद पवार ने भी इन छापों का ठीकरा भाजपा पर फोड़ते हुए कहा था कि हम घर पर आनेवाले मेहमानों (आयकर विभाग के अधिकारियों) की चिंता नहीं करते। लेकिन जनता केंद्र द्वारा किए जा रहे सत्ता के दुरुपयोग का जवाब जरूर देगी। पवार के अनुसार ये छापे इसलिए मारे गए क्योंकि उन्होंने लखीमपुर खीरी में हुई घटना की आलोचना उसे दूसरा जलियांवाला बाग कांड कहकर की थी।

ये संपत्तियां बेच नहीं सकेंगे

बता दें कि आयकर विभाग द्वारा इन संपत्तियों के कागजी मालिकों को यह साबित करने के लिए 90 दिनों का समय दिया गया है कि उनके द्वारा ये संपत्तियां आय के वैध स्रोतों द्वारा खरीदी गई हैं। जांच लंबित रहने के दौरान वे ये संपत्तियां बेच नहीं सकेंगे। दूसरी ओर राकांपा प्रवक्ता नवाब मलिक ने आज उपमुख्यमंत्री अजीत पवार का बचाव करते हुए कहा कि ऐसा बताया जा रहा है कि आयकर विभाग ने अजीत पवार से जुड़ी संपत्तियां कुर्क की हैं। लेकिन इन दावों में सच्चाई नहीं है। जो संपत्तियां अजीत पवार की बताई जा रही हैं, वे किसी और की हो सकती हैं। सिर्फ अजीत पवार को बदनाम करने के लिए ये संपत्तियां उनकी बताई जा रही हैं।


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