राजनाथ की अध्यक्षता में वायुसेना कमांडरों ने हवाई कौशल को और धारदार बनाने के उपायों पर किया मंथन
शीर्ष कमांडर इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि देश की रक्षा निर्माण क्षमताओं में बढ़ोतरी के सरकार के प्रयासों में भारतीय वायुसेना कैसे योगदान दे सकती है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारतीय वायुसेना के शीर्ष कमांडरों ने पड़ोसी देशों में बदलते सुरक्षा परिदृश्य पर सोमवार को विचार-विमर्श किया। साथ ही उन्होंने देश के हवाई कौशल को और धारदार बनाने के उपायों पर भी मंथन किया। सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की।
अधिकारियों ने बताया कि इस सम्मेलन में अंतरिक्ष, साइबर, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस और ड्रोन टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में फोकस करने की वायुसैनिक क्षमता की जरूरत पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। साथ ही भारतीय वायुसेना की छोटी और लंबी अवधि की संचालन क्षमता बढ़ाने पर भी विचार-विमर्श किया जाएगा।
वायुसेना की महत्वाकांक्षी आधुनिकीकरण योजना का त्वरित कार्यान्वयन सम्मेलन की प्रमुख प्राथमिकताओं में है। पिछले कुछ वर्षो में वायुसेना का मुख्य फोकस पूर्वोत्तर क्षेत्र में समग्र बुनियादी ढांचे और तैयारियों को सुधारने पर रहा है।
शीर्ष कमांडर इस बात पर भी विचार कर रहे हैं कि देश की रक्षा निर्माण क्षमताओं में बढ़ोतरी के सरकार के प्रयासों में भारतीय वायुसेना कैसे योगदान दे सकती है। मालूम हो कि मई, 2017 में सरकार ने रणनीतिक साझेदारी मॉडल की घोषणा की थी जिसके तहत वैश्विक रक्षा कंपनियों के साथ साझेदारी में पनडुब्बियों और लड़ाकू विमानों का भारत में निर्माण करने के लिए चुनिंदा निजी कंपनियों को अनुमति प्रदान की जानी थी।