Move to Jagran APP

कांग्रेस कमेटी से मिलने पहुंचे मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पंजाब कांग्रेस में कलह दूर करने पर मंथन

एआइसीसी पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे जेपी अग्रवाल और हरीश रावत शामिल हैं। अपनी रिपोर्ट सौंपने के पैनल दो बार राहुल गांधी से मिल चुका है। राहुल गांधी भी पंजाब के मंत्रियों और विधायकों से लगातार मिल रहे हैं।

By Manish PandeyEdited By: Published: Tue, 22 Jun 2021 08:08 AM (IST)Updated: Tue, 22 Jun 2021 11:11 AM (IST)
पंजाब कांग्रेस में कलह दूर करने के लिए एआइसीसी पैनल से मिलेंगे अमरिंदर सिंह

नई दिल्ली, एएनआइ। पंजाब कांग्रेस में जारी कलह को खत्म करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा गठित तीन सदस्यीय पैनल से मिलने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर मल्लिकार्जुन खड़गे के कार्यालयमें पहुंचे हैं। इस दौरान कैप्टन की ओर से उठाए गए कुछ बिंदुओं पर चर्चा की जाएगी। पार्टी के बागी नेता नवजोत सिंह सिद्धू और कैप्टन के बीच विवाद सुलझाने के लिए पार्टी ने तीन सदस्यीय कमेटी बनाई थी। कमेटी ने पंजाब के मंत्रियों और विधायकों से कई दौर की मुलाकात के बाद अपनी रिपोर्ट पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी को सौंप दी है।

loksabha election banner

अमरिंदर सिंह के साथ बैठक से पहले कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि 2022 का चुनाव कैसे लड़ना है और उसके लिए क्या-क्या तैयारी करना है तथा किस ढंग से सभी उस चुनाव का मुकाबला कर सकते हैं इस पर बैठक में चर्चा होगी। उन्होंने कहा कि सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे। हम (विधानसभा) चुनाव सोनिया गांधी और राहुल गांधी के नेतृत्व में लड़ेंगे। सभी ने इच्छा जताई है कि वे एक साथ चुनाव लड़ेंगे। एआइसीसी पैनल में मल्लिकार्जुन खड़गे, जेपी अग्रवाल और हरीश रावत शामिल हैं। अपनी रिपोर्ट सौंपने के पैनल दो बार राहुल गांधी से मिल चुका है। राहुल गांधी भी पंजाब के मंत्रियों और विधायकों से लगातार मिल रहे हैं। उन्होंने सोमवार को कई मंत्रियों और विधायकों से बात की थी और यह क्रम मंगलवार को भी जारी रहेगा।

मुख्यमंत्री के करीबी सूत्रों ने रविवार को बताया कि बैठक का मुख्य उद्देश्य विभिन्न मुद्दों का स्वीकार्य समाधान खोजना है। वहीं, पार्टी के वरिष्ठ नेता हरीश रावत के अनुसार, अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने रिपोर्ट के कुछ बिंदुओं पर चर्चा करने में रुचि व्यक्त की है और समिति पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ उन पर चर्चा करेगी। इससे पहले जून के पहले हफ्ते में मुख्यमंत्री ने समिति के सामने तीन घंटे तकअपना पक्ष रखा था।

सूत्रों ने कहा कि राहुल गांधी घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं, लेकिन पार्टी आलाकमान ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं। उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी चाहती थीं कि समिति एक ऐसा फॉर्मूला लाए जो सभी नेताओं को स्वीकार्य हो। इसमें सबसे अहम फैसला प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष का है।

नवजोत सिंह सिद्धू के 'दो परिवारों द्वारा पंजाब में फायदा उठाने' वाली टिप्पणियों के बारे में पूछे जाने पर रावत ने कहा कि पार्टी प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करने के बाद उनके बयान का आकलन करेगी। उन्होंने कहा, 'जब मामला कांग्रेस अध्यक्ष के सामने है, तो अखबारों के जरिए कुछ भी कहना ठीक नहीं है।' राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने वाला है। ऐसे में कांग्रेस के लिए यह बेहद महत्वपूर्ण हो गया है कि वह पार्टी की पंजाब इकाई में चल रही गुटबाजी को खत्म करने का जल्द समाधान खोजे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.