पंजाब कांग्रेस में चल रहे घमासान को थामने के लिए पैनल ने सोनिया को सौंपी रिपोर्ट, जानें क्या कहा
पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने के लिए गठित तीन सदस्यीय पैनल ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस कमेटी में पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत जयप्रकाश अग्रवाल (Jaiprakash Aggrawal) और मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) शामिल थे।
नई दिल्ली, एजेंसियां। पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी खत्म करने के लिए गठित तीन सदस्यीय पैनल ने पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। कल ही वरिष्ठ कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा था कि हम (पंजाब कांग्रेस में गुटबाजी को सुलझाने के लिए गठित कांग्रेस पैनल) अपनी रिपोर्ट जल्द ही जमा कर देंगे। बता दें कि पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व में गठित इस कमेटी में पंजाब कांग्रेस प्रभारी हरीश रावत, जयप्रकाश अग्रवाल (Jaiprakash Aggrawal) और मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) शामिल थे।
सूत्रों ने बताया कि अब कांग्रेस आलकमान जल्द ही कोई फार्मूला तय करेगा ताकि पंजाब में अंदरूनी कलह को खत्म किया जा सके। हाल ही में इस समिति ने मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू, कई मंत्रियों, सांसदों और विधायकों समेत पंजाब कांग्रेस के 100 से अधिक नेताओं से जानकारी ली थी। दरअसल कुछ ही हफ्ते पहले मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और पार्टी नेता नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तीखी बयानबाजी ने सियासी माहौल को गरमा दिया था। इससे पार्टी की अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई थी।
यही नहीं पार्टी की कलह पंजाब की सड़कों तक पहुंच गई थी और पोस्टर वार शुरू हो गया था। नवजोत सिंह सिद्धू के दो साल पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह के बारे में दिए गए चर्चित बयान 'कौन कैप्टन' का जवाब अब 'कैप्टन एक ही होता है' से दिया जा रहा था। इससे इतर विधायक परगट सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कुछ अन्य नेताओं ने मुख्यमंत्री के खिलाफ मोर्चा खोल रखा है। पार्टी आलाकमान ने अंदरूनी कलह को थामने के लिए तीन सदस्यीय पैनल का गठन किया था।
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता वाली समिति ने सभी बड़े नेताओं से बात करके अपनी रिपोर्ट तैयार की है... सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस आलकमान इस कलह को थामने के लिए एक निश्चित फार्मूला तय करेगा ताकि अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारी शुरू की जा सके। सूत्रों ने यह भी कहा कि पंजाब में सरकार में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर कोई सिफारिश नहीं की गई है। हालांकि पैनल ने यह जरूर कहा है कि पूर्व मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू को सरकार या संगठन में उचित स्थान दिया जाना चाहिए।
पार्टी सूत्रों ने यह भी बताया कि पैनल ने कांग्रेस के प्रदेश संगठन में बदलाव के दौरान सभी क्षेत्रों और समाज के सभी वर्गों को जगह देने की बात कही है। बीते कुछ दिनों से यह चर्चा भी गर्म है कि सिद्धू सरकार में उप मुख्यमंत्री या फिर संगठन में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष की भूमिका चाहते हैं। हालांकि उनकी ओर से बार बार इन अटकलों का खंडन किया जाता रहा है। सिद्धू का कहना है कि वह पद के लिए नहीं वरन पंजाबियों के अधिकार की बात करते हैं। देखना यह होगा कि पार्टी आलाकमान इस कलह को कैसे शांत करती हैं!