केंद्र के नोटिस पर भड़के साबरमती आश्रम के लोग, 200 परिवारों को लग रहा ये डर
पीएम मोदी दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर साबरमती आश्रम में मौजूद थे लेकिन उनके जाते ही केंद्र सरकार के एक नोटिस को लेकर आश्रम में हड़कंप मच गया है।
अहमदाबाद, राज्य ब्यूरो। अहमदाबाद के गांधी आश्रम (साबरमती आश्रम) और वहां रहने वाले लोगों में केंद्र सरकार के एक नोटिस को लेकर नाराजगी है। केंद्र सरकार आश्रम का विकास कराना चाहती है, लेकिन आश्रम के ट्रस्टी और गांधीवादी इसके मूल स्वरूप में बदलाव के खिलाफ हैं। आश्रम के लोगों को जमीन खोने का भी डर है। हालांकि, अभी तक केंद्र की ओर से सिर्फ आश्रम के विकास की बात की जा रही है। आश्रम की जमीन पर कुछ और बनाने को लेकर अभी तक कोई योजना नहीं है।
पीएम मोदी गांधी जयंती पर गए थे साबरमती आश्रम
पीएम मोदी दो अक्टूबर को महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पर साबरमती आश्रम में मौजूद थे, लेकिन उनके जाते ही केंद्र सरकार के एक नोटिस को लेकर आश्रम में हड़कंप मच गया है। खादी ग्रामोद्योग प्रयोग समिति के प्रबंध निदेशक विजय बहादुर सिंह बताते हैं कि नोटिस में आश्रम के विकास के काम में सरकार को सहयोग करने की अपेक्षा का उल्लेख है। उनका सवाल है कि सरकार कैसा विकास करना चाहती है तथा हमारे से क्या अपेक्षा है, यह स्पष्ट नहीं है। 40 हजार वर्गमीटर क्षेत्र में फैले आश्रम में आज भी खादी वस्त्र, चरखा, चप्पल, जूते, साबुन, प्राकृतिक तेल आदि बनाए जाते हैं, साथ ही कई शैक्षणिक संस्थाएं चल रही हैं।
आश्रम के सामने रहने वाले 200 परिवारों को लग रहा डर
साबरमती आश्रम प्रिजर्वेशन एंड मेमोरियल ट्रस्ट के ट्रस्टी सुदर्शन आयंगर का कहना है कि वे आश्रम को भव्य बनाने की पहल का विरोध करेंगे। आश्रम के सामने रहने वाले 200 परिवारों को लग रहा है कि सरकार उनकी प्राइम लोकेशन की भूमि को लेना चाहती है, इसलिए वे इसका विरोध कर रहे हैं। कुछ लोगों का कहना है कि विरोध प्रदर्शन आने वाले समय में उग्र रूप भी धारण कर सकता है। आश्रम के ही एक सदस्य का मानना है कि नोटिस के बहाने केवल विरोध हो रहा है, कोई भी सरकार प्राचीन धरोहर को नुकसान नहीं पहुंचाना चाहेगी।