हंगामे के कारण फिर लटक सकते हैं तीन तलाक और नागरिकता जैसे अहम बिल
बजट सत्र में काम-काज के अब सिर्फ पांच दिन ही बचे है। बावजूद इसके दोनों ही सदनों में अब तक लगभग काम-काज ठप ही पड़ा है।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चुनाव सामने देख संसद के दोनों सदनों में राजनीतिक दलों के बीच जिस तरह की सियासी त्योरियां चढ़ी हुई है, उसे देख तीन तलाक और नागरिकता कानून जैसे अहम बिल के बजट सत्र में भी पारित होने की उम्मीद कम है।
वैसे भी बजट सत्र में काम-काज के अब सिर्फ पांच दिन ही बचे है। बावजूद इसके दोनों ही सदनों में अब तक लगभग काम-काज ठप ही पड़ा है। आने वाले दिनों में भी इस सियासी गर्मी में किसी तरह की कमी आने की उम्मीद कम ही है।
कामकाज के लिहाज से सबसे खराब स्थिति राज्यसभा में बनी हुई है। जहां बजट सत्र शुरु होने के बाद से एक भी दिन काम नहीं हो सका है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा तक नहीं शुरू हो सकी है। ऐसे में माना जा रहा है कि यदि अगले एक-दो दिनों में स्थिति कुछ सामान्य हुई, तो सबसे पहले राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा होगी। ऐसे में दूसरे किसी काम-काज के होने की उम्मीद कम है।
सूत्रों की मानें तो यही वजह है कि सरकार ने बजट सत्र में कोई नया बिल पेश न करने का फैसला लिया है। कमोबेश राज्यसभा जैसी स्थिति लोकसभा में भी बनी हुई है। जहां सीबीआई मुद्दे को लेकर तृणमूल कांग्रेस के सांसद लगातार हंगामा कर रहे है। लोकसभा में वैसे भी टीएमसी के तीस से ज्यादा सांसद है, ऐसे में हंगामे के चलते काम-काज ठप है।
मंगलवार को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के लिए भाजपा की ओर से हुकुमदेव नारायण ने शुरूआत की, लेकिन हंगामा और तनातनी इतनी बढ़ गई, कि लोकसभा अध्यक्ष को सदन की कार्रवाई स्थगित करनी पड़ी।