राजस्थान में आयुष्मान भारत के बाद अब जल शक्ति अभियान भी लागू होगा
राज्य सरकार ने केन्द्र की जलशक्ति योजना को लागू करने का फैसला किया है
जयपुर, जेएनएन। राजस्थान के इस बार सरकार भले ही केन्द्र से अलग पार्टी की हो, लेकिन केन्द्रीय योजनाएं लागू करने के मामले में दोनों सरकारेां में सहयोग होता नजर आ रहा है। केन्द्र की बडी फलैगशिप योजनाओं में से एक आयुष्मान भारत योजना को राजसथान सरकार लागू करने का ऐलान कर चुकी है, वहीं अब जल संरक्षण के लिए शुरू किए जा रहे जलशक्ति अभियान को भी एक जुलाइ से लागू किया जा रहा है। राज्य सरकार के विभिन्न विभागों, जन प्रतिनिधियों, स्वंयसेवी संगठनों की व्यापक एवं सक्रिय भागीदारी से प्रदेश के सभी खण्डों में जल शक्ति अभियान चलाया जायेगा।
राजस्थान में इस बार कांग्रेस की सरकार है जो यहां की पिछली सरकार की योजनाओं और फैसलों को तो लगातार पलट रही है, लेकिन केन्द्र की बडी योजनाओं को लागू कर रही हैं। सभी को स्वास्थ्य रक्षा के लिए केन्द्र की आयुष्मान योजना को लागू करने के लिए राजस्थान सरकार ने पूरी तैयारी कर रखी है और इसे लागू करने की घोषणा भी की जा चुकी है, जबकि यह योजना राजस्थान में भाजपा की सरकार के समय लागू नहीं हो पाई थी।
हालांकि इसका कारण यह था कि भाजपा सरकार के मसय स्वास्थ्य बीमा की ऐसी ही एक योजना खुद यहां की केन्द्र सरकार ने चला रखी थी। मौजूदा सरकार ने सत्ता में आने के बाद उस योजना को तो लगभग बंद कर दिया और अपने समय चल रही निशुल्क जांच व दवा योजनाओं को आगे बढाया गया।
इसी के साथ सरकार ने आयुष्मान भारत योजना को भी लागू करने का फैसला कर लिया। कुछ ऐसा ही जल संरक्षण के क्षेत्र में भी किया गया है। पिछली सरकार ने स्थानीय स्तर पर बारिश के पानी के सहेजने के लिए मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना चला रखी थी।
तीन चरणों में लागू हुई इस योजना से प्रदेश के 22 हजार से ज्यादा गांवों में साढे छह लाख से ज्यादा जल संरक्षण के काम हुए और इसका फायदा भी दिखा जब राजस्थान के गांवों में टैंकरों से होने वाली पेजयल आपूर्ति आधी रह गई थी और भूजल स्तर में बढोतरी दर्ज की गई थी। मौजूदा सरकार के सत्ता में आने के बाद यह योजना लगभग ठप पड गई है। राजस्थान में इस योजना की जिम्मेदारी जल संरक्षण विशेषज्ञ श्रीराम वेदिरे के पास थी जो सरकार के बदलने के बाद इस्तीफा दे चुके है और अब इस योजना पर काम लगभग बंद हो गया है।
अब राज्य सरकार ने केन्द्र की जलशक्ति योजना को लागू करने का फैसला किया है। जल शक्ति अभियान के तहत जल संरक्षण एवं वर्षा जल संचयन, परम्परागत एवं अन्य जलाशयों का जीर्णोंद्वार, बोरवेल रिचार्ज स्ट्रक्चर्स का रियूज, जलग्रहण क्षेत्र विकास, सधन वृक्षारोपण के कार्य बड़े पैमाने पर किये जायेगें। लगभग यही कार्य जल स्वावलम्बन अभियान के तहत किए जा रहे थे।
ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजेश्वर सिंह ने बताया कि अभियान के तहत ब्लॉक एवं जिला जल संरक्षण योजना का निर्माण, जिसे जिला सिंचाई योजना के साथ समन्वित किया जायेगा। इसके साथ-साथ सिंचाई में जल उपयोग एवं जल उपलब्धता के अनुसार उपयुक्त फसल के चयन को प्रोत्साहित किया जायेगा एवं कृषि एवं उद्यानिकी उद्देश्यों के लिए शहरी अपशिष्ट जल का पुर्नउपयोग सुनिश्चित्त किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि भारत सरकार ने 36 राज्यों एवं संघ क्षेत्रों की 1593 पंचायत समितियों में 313 क्रिटिकल ब्लॉक्स, 1186 अति दोहित ब्लॉक्स तथा 94 न्यूनतम भू-जल उपलब्धता वाले ब्लॉक्स के रूप में पहचान की है। राजस्थान के सभी जिलों में यह योजना लागू होगी।
भारत सरकार के निर्णय के अनुसार अभियान के शुभारम्भ एवं सफल क्रियान्वयन के लिए हर जिले के लिए एक अतिरिक्त सचिव एवं संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी को केन्द्रीय नोडल अधिकारी नियुक्त किया जायेगा एवं आशान्वित जिलों के मामले में पूर्व में नियुक्त केन्द्रीय नोडल अधिकारी ही जल शक्ति अभियान के भी नोडल अधिकारी होंगे। अतिरिक्त मुख्य सचिव, ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज विभाग को राज्य नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।
उन्होंने बताया कि राज्य सरकार के लगभग सभी विभागों के विभागाध्यक्षों, स्वायत्तशासी निकायों, जल प्रबन्धन एवं संरक्षण से सम्बधित विभागों के प्रतिनिधियों को राज्य स्तर पर एवं जिला स्तर पर गठित किये जाने वाले कोर ग्रुप में सम्मिलित किया जायेगा।
सिंह ने बताया कि जल शक्ति अभियान के तहत प्रदेश के सभी जिलों में जिला कोर गु्रप के तत्वावधान में एक जुलाई को दोपहर 3 बजे अभियान की जिला स्तरीय तैयारी बैठक आयोजित की जायेगी जिसमें जन प्रतिनिधि, जिला स्तरीय अधिकारी, स्वंयसेवी संगठन, सामाजिक कार्यकर्ता, नेहरू युवा केन्द्र से सम्बधित युवा संगठन तथा एन0सी0सी0, एन0एस0एस0, स्काउट एवं गाईड से जुड़े विद्याथ्रियों आदि को आमंत्रित कर अभियान की जानकारी प्रदान की जायेगी, अभियान की सफलता के लिए कार्य योजना तैयार की जायेगी ।