सावरकर पर राहुल के बयान पर बढ़ी तकरार, भाजपा और शिवसेना ने कहा - महापुरुषों का नहीं करें अपमान
देश और महाराष्ट्र की राजनीति में वीर सावरकर को लेकर घमासान बढ़ गया है। राहुल गांधी के वीर सावरकर का नाम लेकर दिए बयान पर भाजपा और शिवसेना ने प्रतिक्रिया दी है।
नई दिल्ली, जागरण ब्यूरो। देश में वीर सावरकर को लेकर घमासान बढ़ गया है। राम लीला मैदान में कांग्रेस की भारत बचाओ रैली में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शनिवार को मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि मैं मर जाऊंगा, पर माफी नहीं मांगूंगा। मैंने जो कहा है, सच कहा है। वैसे भी मेरा नाम राहुल गांधी है, राहुल सावरकर नहीं है। माफी तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके सहयोगी अमित शाह को मांगनी चाहिए, जिन्होंने देश की मजबूत अर्थव्यवस्था को नष्ट कर दिया है।
एक दिन पहले ही रेप इन इंडिया बयान पर घिर चुके राहुल गांधी द्वारा इस तरह सावरकर का नाम लिए जाने का शिवसेना ने तत्काल प्रतिवाद किया।
आपको सावरकर का अपमान नहीं करना चाहिए
हाल ही में कांग्रेस की सहयोगी बनी पार्टी ने कहा कि हिंदुत्व के प्रतीक का अनादर नहीं किया जाना चाहिए। शिवसेना के नेता संजय राउत ने ट्वीट किया कि वीर सावरकर न सिर्फ महाराष्ट्र बल्कि पूरे राष्ट्र के लिए देवतुल्य हैं। हम गांधी और नेहरू का सम्मान करते हैं। आपको सावरकर का अपमान नहीं करना चाहिए।
जमकर बरसे राहुल
कांग्रेस की भारत बचाओ रैली को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा के लोग उनके बयान पर उन्हें माफी मांगने के लिए कह रहे हैं। लेकिन, वह कभी माफी नहीं मांगेंगे। यहां बता दें कि राहुल गांधी के रेप इन इंडिया वाले बयान से नाराज भाजपा ने शुक्रवार को संसद के भीतर और बाहर माफी मांगने की मांग की। राहुल गांधी केंद्र सरकार पर भी जमकर बरसे।
मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला
अर्थव्यवस्था, बेरोजगारी, नागरिकता कानून जैसे मुद्दों पर उन्होंने मोदी सरकार पर तीखा हमला बोला और कहा कि पूरी दुनिया पहले भारत की मजबूत अर्थव्यस्था की ओर देखती थी। लेकिन, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश की अर्थव्यस्था को जो चोट मारी है, उससे वह अब तक उबर नहीं पाई है। जीडीपी आज चार फीसद के स्तर पर पहुंच गया है। हालांकि इसे यदि मेरे समय के हिसाब से देखा जाए, तो यह ढाई फीसद ही रह जाएगी। उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान के सारे दुश्मन चाहते थे, कि इसकी अर्थव्यवस्था को नष्ट किया जाए। लेकिन, वह काम दुश्मन ने नहीं, बल्कि मोदी ने किया है।
नागरिकता कानून का भी मुद्दा उठाया
राहुल ने नागरिकता कानून का भी मुद्दा उठाया और कहा कि यह सरकार एक धर्म के लोगों को दूसरे धर्म के लोगों से लड़ाने का काम कर रही है। स्थिति यह है कि आज असम को जला दिया है। पूरे पूर्वोत्तर की स्थिति खराब है। उन्होंने सरकार पर लोगों को डराने का आरोप लगाया। कार्यकर्ताओं के हौसले को बढ़ाते हुए उन्होंने कहा कि इस देश को डराया और दबाया जा रहा है। लेकिन कांग्रेस का कार्यकर्ता बब्बर शेर और शेरनियां है, वह किसी से डरने वाला नहीं है।
गांधी होने से कोई महात्मा गांधी नहीं बन जाता: फडणवीस
इसके बाद महाराष्ट्र के पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस ने राहुल गांधी पर पलटवार किया है। फडणवीस ने कहा कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की ओर से दिया गया बयान पूरी तरह से निंदनीय है। राहुल गांधी सावरकर के नाखून के बराबर भी नहीं हैं और खुद को 'गांधी' समझने की गलती उन्हें नहीं करनी चाहिए। केवल आखरी नाम गांधी होने से कोई महात्मा गांधी नहीं बन जाता है।
फडणवीस ने कहा कि सावरकर ने अपनी जीवन की आहुति मातृभूमि के लिए दी। सब कुछ त्याग किया। उन्हें अंडमान जेल की कोठरी में 12 साल तक यातना का सामना करना पड़ा, राहुल गांधी 12 घंटे भी नहीं कर सकते। उनके खिलाफ ऐसी भाषा का इस्तेमाल करना, देश के लिए सब कुछ त्याग करने वाले तमाम देशभक्तों का अपमान है। इसके लिए राहुल गांधी को माफी मांगनी चाहिए।
अपमान के बाद भी शिवसेना हो गई नरम
उन्होंने कहा कि शिवसेना को सत्ता में बने रहने के लिए लोगों से जिस तरह का व्यवहार करना पड़ता है वह बहुत स्पष्ट है। सावरकर जी का अपमान महाराष्ट्र और देश कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। पहले शिवसेना बहुत तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करती थी, अब वे नरम क्यों हो गए हैं? गौरतलब है कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के दौरान भाजपा ने वीर सावरकर को ‘भारत रत्न’ देने की मांग की थी। उसके बाद देश भर में सावरकर को ‘भारत रत्न’ देने की मांग तेज हो गई।
भाजपा ने कहा, इनका नाम तो राहुल जिन्ना होना चाहिए
विनायक दामोदर सावरकर पर कटाक्ष करने वाले राहुल गांधी पर भाजपा ने तत्काल पलटवार किया। पार्टी प्रवक्ता जीवीएल नरसिम्हा राव ने कहा कि कांग्रेस नेता के लिए अधिक उपयुक्त नाम 'राहुल जिन्ना' है, क्योंकि मुस्लिम तुष्टीकरण की राजनीति उन्हें पाकिस्तान के संस्थापक का उत्तराधिकारी बनाती है। उल्लेखनीय है कि भाजपा स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर को काफी ऊंचा दर्जा देती है। लेकिन, उसके विरोधी जेल से छूटने के लिए सावरकर पर ब्रिटिश शासन से माफी मांगने का आरोप लगाते रहे हैं।