कैप्टन मोदी को पसंद नहीं आयी आकाश विजयवर्गीय की बैटिंग, रिव्यू लेने के मूड में नहीं भाजपा
आकाश विजयवर्गीय मामले में पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद भाजपा नेताओं का बदला रुख। अब संगठन आकाश विजयवर्गीय को अमर्यादित आचरण के लिए नोटिस जारी करने की तैयारी में है।
भोपाल, जेएनए। ICC Cricket World Cup 2019 के साथ भारत समेत पूरी दुनिया में क्रिकेट की दीवानगी लोगों के सिर चढ़ कर बोल रही है। एक तरफ टीम इंडिया ने शानदार प्रदर्शन कर सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली है। दूसरी तरफ इंदौर के विधायक आकाश विजयवर्गीय की बल्लेबाजी, कैप्टन नरेंद्र मोदी को पसंद नहीं आयी। उन्होंने जब से उनकी बैटिंग पर नाराजगी व्यक्त की है, भाजपा नेता भी बैकफुट हैं। पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद पार्टी आकाश विजयवर्गीय मामले में क्रिकेट में प्रसिद्ध डीआरएस (रिव्यू) लेने के मूड में नहीं दिख रही है।
संगठन ने साफ कर दिया है कि आकाश विजयवर्गीय को उनके अमर्यादित आचरण के लिए कारण बताओ नोटिस जारी होगा। हालांकि, पार्टी के अधिकांश नेताओं ने मामला कैलाश विजयवर्गीय से जुड़ा होने के कारण मौन धारण कर लिया है। पार्टी नेता मानते हैं कि पीएम मोदी की टिप्पणी के बाद साफ है कि भारतीय जनता पार्टी में पहले आवेदन, फिर निवेदन और उसके बाद दनादन का फार्मूला नहीं चलेगा। मालूम हो कि पीएम ने आकाश विजयवर्गीय को लेकर टिप्पणी की थी, ‘ऐसे लोगों को पार्टी से बाहर निकाल देना चाहिए’।
किसने-क्या कहा
गोपाल भार्गव - नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कहते हैं कि फिलहाल प्रामाणिक जानकारी हमारे पास नहीं है, सांसदों से भी संसद चलने के कारण बात नहीं हो पा रही है। एक बार सही बात पता चले तो कुछ बोलें।
प्रभात झा - भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रभात झा कहते हैं कि सुबह साढ़े नौ बजे हमारी स्टैंडिंग कमेटी की बैठक थी। संसदीय दल की बैठक में जा नहीं पाया। बैठक में क्या हुआ, कुछ पता नहीं।
गणेश सिंह - भाजपा संसदीय दल के सचिव और सतना सांसद गणेश सिंह से कई बार बात करने की कोशिश की, एक बार उनके पीए दिनेश कुशवाह ने फोन उठाया और कहा कि साहब बंगले में हैं और व्यस्त हैं।
राकेश सिंह - भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह से कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई। निज सहायक ने व्यस्तता का हवाला देकर बात नहीं कराई।
कोई नेता बात करने तैयार नहीं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निशाने पर भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे आकाश होने के कारण प्रदेश का कोई भी भाजपा नेता बात करने को तैयार नहीं है। भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवराज सिंह चौहान, प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्त्रबुद्धे, पूर्व प्रदेशाध्यक्ष नंदकुमार सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, थावरचंद गेहलोत, फग्गन सिंह कुलस्ते से बातचीत के भरसक प्रयास किए, लेकिन किसी ने प्रतिक्रिया नहीं दी।
जवाब मांगा जा सकता है
भाजपा सूत्रों के मुताबिक, संगठन आकाश विजयवर्गीय को शोकाज नोटिस जारी कर अमर्यादित आचरण पर जवाब मांग सकती है। पार्टी सूत्रों ने कहा कि हाईकमान से चर्चा के बाद इस बारे में निर्णय लिया जाएगा। संगठन महामंत्री सुहास भगत ने कहा कि फिलहाल प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह दिल्ली में हैं। वहां क्या बात हुई है, किन आधार पर क्या एक्शन पार्टी को लेना है, ये सब चर्चा के बाद तय किया जाएगा। भगत ने कहा कि जैसे दिशा-निर्देश केंद्र से मिलेंगे, संगठन वैसा कदम उठाएगा।
मालूम हो, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष राकेश सिंह ने चार दिन पहले दिए बयान में कहा था कि कमलनाथ सरकार को इस बात का जवाब देना पड़ेगा कि अधिकारी सोच समझकर भाजपा के जनप्रतिनिधियों की अवहेलना क्यों कर रहे हैं। नगर निगम के अधिकारियों ने विधायक की जायज बात को न मानते हुए आम नागरिकों और विशेषकर महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया। परिस्थितिवश तनाव हुआ और ऐसी घटना हुई, जिसका हम समर्थन नहीं करते।
अज्ञातवास पर आकाश
बल्ला कांड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का बयान आने के बाद आकाश की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई। वे अज्ञातवास पर चले गए। उनके समर्थकों को भी नहीं मालूम कि वे कहां हैं। मीडियाकर्मी भी उनके निवास पर दोपहर में पहुंचे, लेकिन वे घर पर नहीं थे। आकाश को मंगलवार को भाजपा की सदस्यता अभियान की बैठक में शामिल होना था, लेकिन वे वहां भी नहीं पहुंचे। आकाश के स्टाफ का कहना था कि वे सुबह से घर से निकल गए थे।
सोशल मीडिया पर ट्रेंड हुआ सैल्यूट मोदी
प्रधानमंत्री के बयान के बाद मंगलवार को इंदौर का बल्ला कांड और विधायक आकाश फिर से सोशल मीडिया पर पसंदीदा विषय बन गए। मोदी को अंपायर करार देते हुए सोशल मीडिया पर आकाश के आउट और समर्थक खेमे के आउट होने के मीम्स प्रसारित होने लगे। सोशल मीडिया पर हैशटैग सैल्यूट मोदी ट्रेंड करने लगा। बल्लेबाजी करते मोदी की तस्वीरें भी नजर आने लगीं। इंदौर के दो नंबर क्षेत्र के विरोधी भाजपा के गुटों ने मैसेज चला दिया कि आकाश विजयवर्गीय के साथ बल्ला कांड में उनके साथ खड़े तमाम अन्य स्थानीय पदाधिकारी भी छह साल के लिए निष्कासित किए जा रहे हैं।