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छत्तीसगढ़ गठन के बाद अभी तक नहीं बने कोई कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री बनने वाले सातवें सांसद बने तोखन साहू, इस वजह से मोदी कैबिनेट में किया शामिल

Modi Cabinet Tokhan Sahu बिलासपुर से पहली बार सांसद बने तोखन साहू को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। छत्तीसगढ़ गठन के बाद अभी तक कोई कैबिनेट मंत्री नहीं बने हैं। राज्य गठन के बाद अब तक जो बने हैं वे केंद्र में राज्यमंत्री ही बने हैं। तोखन साहू ने भी राज्यमंत्री के तौर पर ही शपथ ली है।

By Jagran News Edited By: Sushil Kumar Mon, 10 Jun 2024 02:55 PM (IST)
छत्तीसगढ़ गठन के बाद अभी तक नहीं बने कोई कैबिनेट मंत्री, राज्यमंत्री बनने वाले सातवें सांसद बने तोखन साहू, इस वजह से मोदी कैबिनेट में किया शामिल
Modi Cabinet: राज्यमंत्री के तौर पर मोदी कैबिनेट में शामिल हुए तोखन साहू।

ऑनलाइन डेस्क, रायपुर। नरेंद्र मोदी कल शाम को प्रधानमंत्री पद की शपथ ली। उनके साथ 71 मंत्रियों ने भी शपथ ली। मोदी की नई कैबिनेट में छत्तीसगढ़ को भी जगह मिली है। तोखन साहू को मोदी 3.0 में शामिल किया गया है। उन्होंने बिलासपुर से चुनाव जीता है। उन्होंने राज्यमंत्री के रूप में शपथ ली है।

खास बात यह है कि छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के बाद से केंद्र सरकार में राज्यमंत्री बनने वाले तोखन साहू सातवें सांसद बन गए हैं। इनसे पहले दिलीप सिंह जूदेव, रमेश बैस, डॉ. रमन सिंह, चरणदास महंत, विष्णुदेव साय और रेणुका सिंह राज्यमंत्री बन चुकी हैं। रमेश बैस सबसे अधिक चार बार राज्यमंत्री बने हैं।

छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद से अभी तक केंद्रीय कैबिनेट में सिर्फ राज्यमंत्री के रूप में ही सांसदों को जगह मिली है। उन्हें अब तक कैबिनेट मंत्री का पद नहीं मिला है। मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल में तोखन साहू को भी राज्यमंत्री ही बनाया गया।

कैसा है तोखन साहू का परिवार

तोखन साहू ने बिलासपुर लोकसभा सीट से बड़ी जीत दर्ज की है। उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार देवेंद्र यादव को डेढ़ लाख से अधिक वोटों से हराया है। तोखन साहू को केंद्रीय मंत्री बनाए जाने पर उनके गांव में खुशी का माहौल है। तोखन साहू बेहद साधारण किसान परिवार से आते हैं। चार भाइयों में तोखन साहू सबसे बड़े हैं। सांसद की बड़ी बेटी शिवानी साहू बीएससी कर चुकी हैं और बेटा पीएससी की तैयारी कर रहा है।

इस वजह से किया शामिल

तोखन साहू पहली बार सांसद बने हैं। पहली बार में ही उन्हें कैबिनेट में शामिल किया है। इसके पीछे जातिगत राजनीति को साधना माना जा रहा है। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, सामाजिक समीकरण बैठाने के लिए यह कदम उठाया गया है।

दिलीप सिंह जूदेव

29 जनवरी 2003 से 17 नवंबर 2003 तक पर्यावरण राज्यमंत्री रहे।

रमेश बैस

1999 से 2004 तक केंद्रीय राज्यमंत्री रहे। 2003 से 2004 तक केंद्रीय राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भी रहे हैं।

डॉ. रमन सिंह

13 अक्टूबर 1999 से 29 जनवरी 2003 तक वाणिज्य एवं उद्योग राज्यमंत्री रहे।

डॉ. चरणदास महंत

12 जुलाई 2001 से 26 मई 2014 तक केंद्रीय राज्यमंत्री रहे।

विष्णुदेव साय

26 मई 2014 से 30 मई 2019 तक केंद्रीय खान एवं इस्पात राज्यमंत्री रहे।

रेणुका सिंह

30 मई 2019 से 7 दिसंबर 2023 तक केंद्रीय राज्यमंत्री रहीं।

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