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सबरीमाला पर SC के फैसले का कार्यकर्ता तृप्ती देसाई और कांग्रेस नेता थरुर ने किया स्वागत

केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर पर सुप्रीम कोर्ट के फैसला का महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ती देसाई और कांग्रेस नेता शशि थरुर ने स्वागत किया है।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Thu, 14 Nov 2019 02:17 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 02:17 PM (IST)
सबरीमाला पर SC के फैसले का कार्यकर्ता तृप्ती देसाई और कांग्रेस नेता थरुर ने किया स्वागत
सबरीमाला पर SC के फैसले का कार्यकर्ता तृप्ती देसाई और कांग्रेस नेता थरुर ने किया स्वागत

नई दिल्ली, एएनआइ। केरल के प्रसिद्ध सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर दायर की हई पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला सुप्रीम कोर्ट ने बड़ी बेंच को सौंप दिया है। कोर्ट के इस फैसले का महिला अधिकार कार्यकर्ता तृप्ती देसाई ने स्वागत किया।

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तृप्ती देसाई ने कही ये बात

मीडिया से बातचीत करते हुए उन्होंने कहा कि मैं आज अदालत द्वारा दिए गए फैसले का स्वागत करती हूं। मुझे लगता है कि त्योहार आसपास है, इसलिए न्यायपालिका को यह महसूस हुआ कि कोई भी नया फैसला हिंसा भड़का सकता है। लेकिन मेरा यह भी मानना ​​है कि कोर्ट को इस मामले में जल्द से जल्द फैसला करना चाहिए ताकि महिलाएं त्योहारी मौसम में धर्मस्थल पर प्रार्थना कर सकें। 

थरुर ने ट्वीट कर किया स्वागत

कांग्रेस नेता शशि थरुर ने भी फैसले का स्वागत करते हुए ट्वीट किया। ट्विटर पर लेते हुए थरूर ने कहा कि मैं सबरीमाला मुद्दे को एक बड़ी पीठ के पास भेजे जाने के सर्वोच्च न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हूं। इसमें शामिल मुद्दों के सभी धर्मों के अभ्यास के लिए निहितार्थ हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने बरकरार रखा फैसला

गौरतलब है कि आज सुप्रीम कोर्ट ने सबरीमाला मंदिर में सभी आयु वर्ग की महिलाओं के प्रवेश की इजाजत देने के फैसले पर  दायर पुनर्विचार याचिकाओं पर फैसला सुनाया है। कोर्ट ने आज इस मामले को बड़ी बेंच को सौंप दिया है। चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की अगुवाई वाली 5 जजों की संवैधिनिक पीठ से 3:2  के अनुपात के साथ ये मामला बड़ी पीठ को सौंप दिया है। बता दें कि जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस रोहिंटन फली नरीमन इसके पक्ष में नहीं थे।

फैसला सुनाते हुए गोगोई ने कहा कि पूजा स्थलों में महिलाओं के प्रवेश केवल इस मंदिर तक ही सीमित नहीं है। इसमें मस्जिदें भी शामिल हैं। इसलिए कोर्ट के 28 सितंबर के फैसले पर रोक नहीं लगाई जा रही है। यानी की अब मंदिर में महिलाओं की एंट्री जारी रहेगी। 


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