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कांग्रेस नेतृत्व के मसले पर सोनिया को चिट्ठी लिखने वालों पर हो सकती है कार्रवाई, मिल रहे संकेत

कांग्रेस नेतृत्व के मसले पर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले 23 वरिष्ठ नेताओं पर कार्रवाई हो सकती है। इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Mon, 24 Aug 2020 06:28 PM (IST)Updated: Mon, 24 Aug 2020 07:04 PM (IST)
कांग्रेस नेतृत्व के मसले पर सोनिया को चिट्ठी लिखने वालों पर हो सकती है कार्रवाई, मिल रहे संकेत

नई दिल्‍ली, एजेंसियां। कांग्रेस नेतृत्व के मसले पर सोनिया गांधी को चिट्ठी लिखने वाले 23 वरिष्ठ नेताओं पर कार्रवाई हो सकती है। इसके संकेत मिलने शुरू हो गए हैं। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि CWC बैठक में अंबिका सोनी ने कहा है कि सोनिया गांधी को पत्र लिखने वालों के खिलाफ पार्टी संविधान के तहत कार्रवाई की जा सकती है। वहीं वरिष्‍ठ नेता गुलाम नबी आजाद और आनंद शर्मा ने कहा है कि वे चिंताओं को बढ़ाने की सीमा के भीतर थे। बावजूद यदि किसी को लगता है कि यह अनुशासन भंग है तो कार्रवाई की जा सकती है। पत्र लिखने वाले नेताओं ने अपनी सफाई में यह भी कहा है कि संगठन की बेहतरी को लेकर उनकी कुछ चिंताएं थीं जिसकी ओर ध्‍यान दिलाने के लिए पत्र लिखा गया।  

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इस बीच कांग्रेस वर्किंग कमेटी (CWC Meeting) की बैठक में तय किया गया है कि सोनिया गांधी पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी। कांग्रेस नेता और कांग्रेस वर्किंग कमेटी के सदस्य केएच मनियप्पा ने बताया कि कार्यसमिति ने सर्वसम्‍मति से निर्णय लिया है कि मैडम (सोनिया गांधी) अंतरिम अध्यक्ष बनी रहेंगी और जल्द अध्यक्ष का चुनाव किया जाएगा। उन्‍होंने यह भी कहा कि नेतृत्व को लेकर कोई मतभेद नहीं है। गुलाम नबी आजाद, मुकुल वासनिक और आनंद शर्मा ने भी लिखित में दिया है कि नेतृत्व पर कोई विवाद नहीं है। वहीं कांग्रेस वर्किंग कमेटी के पीएल पुनिया ने बताया कि नया अध्‍यक्ष चुनने के लिए अगली बैठक संभवत: छह महीने के भीतर होगी। 

बड़ा सवाल यह कि यदि नेतृत्‍व के मसले पर कोई संकट नहीं है तो नया अध्‍यक्ष चुनने की बात क्‍यों कही जा रही है। यही नहीं सवाल यह भी कि जब सब कुछ ठीक है तो राहुल गांधी द्वारा चिट्ठी लिखने वाले नेताओं पर भाजपा का साथ देने की बातें क्‍यों कही गई। यहां तक कि कपिल सिब्‍बल को अपना ट्वीट तक वापस लेना पड़ा और सफाई देनी पड़ी कि राहुल ने ऐसा कुछ भी नहीं कहा है। चिट्ठी लिखने वाले नेताओं ने भले ही कुछ भी सफाई दी हो लेकिन लग यही रहा है कि कांग्रेस में फ‍िलहाल सबकुछ ठीक नहीं है। कुल मिलाकर दिनभर चली इस बैठक के बारे में कई बातें सामने आई जो आने वाले दिनों में बड़े बदलाव के संकेत दे रही हैं। वैसे आने वाला वक्‍त ही तय करेगा कि कांग्रेस मौजूदा भीतरी घमासान से निपटने के लिए क्‍या कदम उठाती है। 

उल्‍लेखनीय है कि सोनिया गांधी को पत्र लिखने वालों में कई दिग्‍गज नेता, सांसद और पूर्व मंत्री शामिल हैं। इनमें पूर्व मंत्री व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद, पूर्व मंत्री आनंद शर्मा, कपिल सिब्बल, वीरप्पा मोइली, शशि थरूर, राज बब्बर, पूर्व दिल्ली प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली, हिमाचल प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कौल सिंह ठाकुर, रेणुका चौधरी, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा, पंजाब की पूर्व सीएम राजिंदर सिंह भट्टल, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा, पीजे कुरियन, अखिलेश सिंह जैसे वरिष्ठ सदस्य भी शामिल हैं। अजय सिंह, मुकुल वासनिक, मनीष तिवारी और पूर्व सांसद मिलिंद देवड़ा, जितिन प्रसाद व संदीप दीक्षित के नाम भी पत्र पर हस्ताक्षर करने वालों में बताए जाते हैं।  


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