Move to Jagran APP

'एक्ट ईस्ट' नीति को मिलेगी और धार, जकार्ता व सिंगापुर की 5 दिवसीय यात्रा पर जाएंगे मोदी

भारत और इंडोनेशिया के बीच सामुद्रिक क्षेत्र में एक दूसरे के साझेदार हैं जिसे और गहरा करने की कोशिश की जा रही है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Thu, 24 May 2018 09:39 PM (IST)Updated: Fri, 25 May 2018 06:53 AM (IST)
'एक्ट ईस्ट' नीति को मिलेगी और धार, जकार्ता व सिंगापुर की 5 दिवसीय यात्रा पर जाएंगे मोदी
'एक्ट ईस्ट' नीति को मिलेगी और धार, जकार्ता व सिंगापुर की 5 दिवसीय यात्रा पर जाएंगे मोदी

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। अपनी 'एक्ट ईस्ट' नीति को और धारदार बनाने की कोशिश के तहत पीएम नरेंद्र मोदी 29 मई से 02 जून, 2018 तक सिंगापुर और इंडोनेशिया की यात्रा पर जा रहे हैं। प्रधानमंत्री के तौर पर यह मोदी की तीसरी सिंगापुर यात्रा होगी जो बताता है कि भारतीय कूटनीति में चीन से सटे इस छोटे से देश को कितनी अहमियत मिल रही है।

loksabha election banner

भारत व इंडोनेशिया के बीच सैन्य सहयोग बढ़ाने की तैयारी

इंडोनेशियाई पोर्ट साबांग को भारतीय नौ सेना के लिए खोलने पर होगी बात

वैसे इंडोनेशिया की यह मोदी की पहली यात्रा होगी और इसके साथ ही इस क्षेत्र के सभी दस देशों की यात्रा अपने एक ही कार्यकाल में करने वाले वह पहले पीएम भी बन जाएंगे। आसियान के दस में नौ देशों की यात्रा मोदी बतौर पीएम कर चुके हैं। विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के मुताबिक दोनों देशों की यात्रा के दौरान रक्षा क्षेत्र में सहयोग एजेंडे में काफी प्रमुख रहेगा।

विदेश मंत्रालय में सचिव (पूर्व) प्रीति शरण ने बताया कि, 'भारत के लिए सिंगापुर और इंडोनेशिया दोनों ही रणनीतिक साझेदार देश हैं। हाल के दिनों में जिस तरह से हिंद-प्रशांत महासागर में सुरक्षा का मुद्दा जिस तरह से वैश्विक स्तर पर छा गया है उसे देखते हुए भी पीएम मोदी की इस यात्रा की अपनी अहमियत है।

मोदी के जकार्ता दौरे के बारे में शरण ने बताया कि भारत और इंडोनेशिया के बीच सामुद्रिक क्षेत्र में एक दूसरे के साझेदार हैं जिसे और गहरा करने की कोशिश की जा रही है। दोनो देशों के बीच इस वर्ष के शुरुआत में सुरक्षा संबंधों को बहुआयामी बनाने की रणनीति बनी थी। उस दिशा में किस तरह से आगे बढ़ा जा रहा है, यह पीएम मोदी और इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विडोडो के बीच वार्ता में अहम रहेगा।

सनद रहे कि इंडोनेशिया ने लगातार भारत के साथ अपने रिश्ते को तेजी से मजबूत करने के संकेत देता रहा है। कई बार जकार्ता की तरफ से यह संकेत भी दिया गया है कि भारत उसके पहल का सही तरीके से जवाब नहीं देता है।

इंडोनेशिया दुनिया का सबसे बड़ा मुस्लिम देश है, लेकिन उसे कट्टर इस्लाम पर काफी सटीक तरीके से काबू पाया है। पीएम मोदी की यह कोशिश भी होगी कि वह एक प्रमुख मुस्लिम देश को आतंकवाद जैसे मुद्दों पर भारत के साथ करे ताकि इस्लामिक देशों के सहयोग संगठन (ओआइसी) में पाकिस्तान के दुष्प्रचारों को रोका जा सके। मोदी वहां भारतीय समुदाय से भी मिलेंगे और पतंग उड़ाने के एक कार्यक्रम भी वहां के राष्ट्रपति के साथ हिस्सा लेंगे। सनद रहे कि मोदी के गृहराज्य गुजरात की तरफ से इंडोनेशिया में भी पतंग उड़ाने की परंपरा है।

इंडोनेशिया के बाद पीएम मोदी 31 मई को सिंगापुर पहुंचेंगे। सिंगापुर के पीएम के साथ द्विपक्षीय मसलों पर बातचीत के साथ ही मोदी वहां एक अंतररष्ट्रीय सम्मेलन (शांगरिला डायलॉग) में भी भाषण देंगे।' इस सम्मेलन में पीएम मोदी के भाषण को इस क्षेत्र में सुरक्षा से जुड़े मुद्दों पर भारत की भावी सोच के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें अमेरिका, आस्ट्रेलिया, चीन समेत कई देशों के वरिष्ठ अधिकारी हिस्सा लेने वाले हैं।

माना जाता है कि हाल के दिनों में इस क्षेत्र में भारत, अमेरिका, जापान व आस्ट्रेलिया के बीच एक गठबंधन बनाने की जो कोशिश हुई है उसको लेकर भी मोदी अपने विचार पेश करेंगे। सनद रहे कि सिंगापुर इन चार देशों के गठबंधन को लेकर बहुत उत्साहित नहीं है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.