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विश्‍व धरोहर है पोटाला पैलेस, चीन के फैसले पर तिब्‍बत ने जताई आपत्ति

विश्‍व धरोहरों में शामिल पोटाला पैलेस को बंद करने के चीन के फैसले पर तिब्‍बत ने आपत्ति जताई है।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 11:46 AM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 11:46 AM (IST)
विश्‍व धरोहर है पोटाला पैलेस, चीन के फैसले पर तिब्‍बत ने जताई आपत्ति
विश्‍व धरोहर है पोटाला पैलेस, चीन के फैसले पर तिब्‍बत ने जताई आपत्ति

धर्मशाला, एएनआइ। पोटाला पैलेस बौद्ध धर्मावलंबियों का प्रमुख सांस्कृतिक और धार्मिक केंद्र है। चीन ने कोरोनावायरस को कारण बताते हुए इसे बंद करने का ऐलान किया। चीन के इस फैसले पर तिब्‍बत ने आपत्ति जताई है। तिब्‍बती संसद के डिप्‍टी स्‍पीकर आचार्य येशी फुंटसोक ने गुरुवार को कहा, 'चीन अपने पवित्र स्‍थान को लेकर राजनीति कर रहा है। यूनेस्‍को को इस मामले में सतर्कता बरतनी चाहिए। इस मामले पर चीन किस तरह कोई फैसला ले सकता है, यह पवित्र विश्‍व धरोहर है।

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मामले का उल्‍लेख करते हुए आचार्य येशीफुंटसोक ने कहा, 'यह सही नहीं है। हम इस कदम की निंदा करते हैं।'  इस बीच टीजी आर्या ने कहा क‍ि चीन का यह प्रयास दलाई लामा के महल पर राजनीति करने का है।  तिब्‍बत को छोड़ पूरे चीन में कोरोनावायरस का प्रकोप फैल गया है। हुबेई प्रांत की राजधानी वुहान  इस वायरस का केंद्र है। 

चीन ने 27 जनवरी से पोटाला पैलेस (Potala Palace) को बंद करवा दिया। चीन के अनुसार, यह फैसला कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर किया गया है। चीन का कहना है कि यह पैलेस पर्यटकों के लिए मुख्‍य आकर्षण का केंद्र है।

चीन के ल्‍हासा स्थित  प्रसिद्ध पोटाला पैलेस को वर्ष 1994  में यूनेस्‍को की धरोहरों में शामिल किया गया था।  पिछले 317 सालों में पोटाला पैलेस कुल 10 दलाई लामाओं का घर रहा। यहां प्रतिदिन आने वाले पर्यटकों की संख्‍या के लिए सीमा तय की गई है। कभी दुनिया के सबसे ऊंचा पोटाला पैलेस रेड हिल के ऊपर मौजूद है। समुद्र तल से इसकी ऊंचाई 3,700 मीटर है। रोचक बात यह है कि इस पैलेस में कोई एलिवेटर नहीं केवल सीढि़यां हैं। पैलेस की दीवारों पर अंकित कलाकृतियां यहां की विशेषता है। इस महल का निर्माण 7वीं सदी में  हुआ था जो 1,300 साल पहले किया गया। 

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