रोमिला थापर, नसीरुद्दीन शाह समेत 300 हस्तियों ने किया सीएए और एनआरसी का विरोध
देश की जानी मानी 300 हस्तियों ने कहा है कि हम सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले और बोलने वालों के साथ खड़े हैं।
मुंबई, प्रेट्र। अभिनेता नसीरुद्दीन शाह, फिल्म निर्माता मीरा नायर, गायक टीएम कृष्णा, लेखक अमिताव घोष, इतिहासकार रोमिला थापर समेत तीन सौ से ज्यादा हस्तियों ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनआरसी) का विरोध करने वाले छात्रों और अन्य के साथ एकजुटता प्रकट की है।
सीएए और एनआरसी भारत के लिए 'खतरा'
'इंडियन कल्चरल फोरम' में 13 जनवरी को प्रकाशित हुए बयान में इन हस्तियों ने कहा कि सीएए और एनआरसी भारत के लिए 'खतरा' हैं। बयान में कहा गया है, 'हम सीएए और एनआरसी के खिलाफ प्रदर्शन करने वाले और बोलने वालों के साथ खड़े हैं। संविधान के बहुलतावाद और विविध समाज के वादे के साथ भारतीय संविधान के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए उनके सामूहिक विरोध को सलाम करते हैं।'
बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में लेखिका अनीता देसाई, जावेद जाफरी, शबनम हाशमी शामिल
बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में लेखिका अनीता देसाई, किरण देसाई, अभिनेत्री रत्ना पाठक शाह, जावेद जाफरी, नंदिता दास, लिलिट दुबे, समाजशास्त्री आशीष नंदी, कार्यकर्ता सोहेल हाशमी और शबनम हाशमी शामिल हैं।
आरएसएस के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने नागपुर संघ मुख्यालय में फहराया राष्ट्रीय ध्वज
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरकार्यवाह भय्याजी जोशी ने रविवार को कहा कि देश में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ गलत जानकारियों का प्रसार किया जा रहा है। 71वें गणतंत्र दिवस पर संघ मुख्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए जोशी ने कहा कि इस देश में आज तक इस्लाम के अनुयायियों के खिलाफ किसी तरह का भेदभाव नहीं हुआ है। यदि कोई व्यक्ति, भले ही वह मुस्लिम ही क्यों न हो, भारत आता है, तो यहां की नागरिकता हासिल कर सकता है। इस मामले में कानून पहले से है। फिर इसमें समस्या क्या है?
सरकार के स्पष्टीकरण के बाद भी सीएए का विरोध जारी है
उन्होंने कहा कि बिना गंभीरता से विचार किए गलत सूचनाओं का प्रसार किया जा रहा है। अगर सीएए के पीछे की भावना को सही तरीके से समझा जाता तो इसे किसी के विरोध का सामना नहीं करना पड़ता। जोशी ने कहा, 'सरकार ने बार-बार इस मुद्दे पर स्पष्टीकरण दिया है, लेकिन, अलग-अलग समूह अब भी इसके खिलाफ माहौल तैयार कर रहे हैं। संसद ने इस कानून को पारित किया है और सब को इसे स्वीकार करना चाहिए। पूर्व में भी सरकारों ने नागरिकता कानून में संशोधन किया है। मुझे नहीं मालूम कि इस बार क्यों माहौल बिगाड़ा जा रहा है?'
जोशी ने की लोगों से गलत जानकारियों से बचने की अपील
जोशी ने लोगों से गलत जानकारियों से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि यह देश के लिए अनिवार्य है कि कोई भी विदेशी यहां न रहे। यह अधिनियम सिर्फ पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं को ही नहीं बल्कि जैन, सिख, बौद्ध और ईसाइयों को भी नागरिक बनने की अनुमति देता है। इसलिए अशांति फैलाना ठीक नहीं है।
श्रीलंका में धार्मिक आधार पर उत्पीड़न नहीं है
श्रीलंका के लोगों को इसमें शामिल नहीं किए जाने को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उन्हें पहले अनुमति दी गई थी। अब वहां धार्मिक आधार पर उत्पीड़न नहीं है। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि भारत के पास अपना संविधान है और वह उसके अनुसार चलता है।