असम में भाजपा सरकार बनने के बाद देशद्रोह के 245 मामले दर्ज
साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता हीरेन गोहेन और पत्रकार मनजीत महंता के खिलाफ भी नागरिकता (संशोधन) बिल पर टिप्पणी के मामले में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।
गुवाहाटी, प्रेट्र। असम में भाजपा की नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार बनने के बाद से अब तक 17 जिलों में देशद्रोह के कुल 245 मामले दर्ज हुए हैं। यह जानकारी सोमवार को विधानसभा में लिखित रूप से दी गई। हालांकि, यह जानकारी भी त्रुटिपूर्ण रही। इसके पहले पन्ने पर बताया गया है कि कुल 19 जिलों में 251 मामले दर्ज किए गए, जबकि इसके संलग्नक में जिलावार दी गई जानकारी के अनुसार बिश्वनाथ में पांच व सादिया जिले में एक मामले का दोहराव हुआ है।
सरकार की तरफ से विधानसभा में दी गई जानकारी में भी रही त्रुटि
संसदीय कार्यमंत्री चंद्र मोहन पटवारी ने बताया कि राज्य में 26 मई 2016 को नई सरकार बनने के बाद से अब तक विभिन्न लोगों तथा प्रतिबंधित संगठनों पर कुल 245 मामले दर्ज किए गए हैं। नेता प्रतिपक्ष देबब्रत सैकिया के सवालों का जवाब देते हुए पटवारी ने कहा कि उग्रवादी संगठन यूएलएफए (आइ), एनडीएफबी (एस), एनडीएफबी (बी), केएलओ, एनएसएलए, एनएसएलए (एटी), यूपीएलएफएस, डीएचडी, डीएचएनए, एनएससीएन (आइएम), जेडयूएफ और एटीएफ आदि के खिलाफ देशद्रोह के मुकदमे दर्ज किए गए हैं।
मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल की अनुपस्थिति में पटवारी ने कहा कि देशद्रोह की कार्रवाई कई व्यक्तियों के खिलाफ भी की गई है। मुख्यमंत्री के पास गृहमंत्रालय की भी जिम्मेदारी है।
इस सूची में कोकराझार जिला सबसे ऊपर है। यहां एनडीएफबी (एस), केएलओ और एनएसएलए (एटी) पर देशद्रोह के कुल 88 मामले दर्ज हुए हैं। दूसरे नंबर पर चिरंग और तीसरे पर तिनसुकिया जिले हैं।
आरटीआइ कार्यकर्ता तथा किसान नेता अखिल गोगोई के खिलाफ डिब्रूगढ़ और गुवाहाटी में दो मुकदमे दर्ज किए गए हैं। साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता हीरेन गोहेन और पत्रकार मनजीत महंता के खिलाफ भी नागरिकता (संशोधन) बिल पर टिप्पणी के मामले में देशद्रोह का मामला दर्ज किया गया है।