15th India EU Summit: भारत और यूरोपीय संघ के बीच विज्ञान और तकनीकी संधि का नवीनीकरण समझौता
एक आधिकारिक बयान के अनुसार पिछले पांच वर्षो में भारत-यूरोपीय संघ अनुसंधान प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाओं पर सह-निवेश का स्तर बढ़ा है।
नई दिल्ली, प्रेट्र। भारत और यूरोपीय संघ ने अगले पांच वर्षो में वैज्ञानिक और तकनीकी सहयोग को मजबूत करने के लिए समझौते का नवीनीकरण किया है। 15वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के दौरान दोनों पक्ष 2025 तक वैज्ञानिक सहयोग पर समझौते का नवीनीकरण करने पर सहमत हुए, जिसका नेतृत्व भारत की तरफ से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया था। यूरोपीय संघ के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयन ने किया था। समझौते पर शुरू में 23 नवंबर, 2001 को हस्ताक्षर किया गया था। बाद में 2007 और 2015 में इसका नवीनीकरण किया गया।
शनिवार को जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, पिछले पांच वर्षो में भारत-यूरोपीय संघ अनुसंधान प्रौद्योगिकी विकास परियोजनाओं पर सह-निवेश का स्तर बढ़ा है। इसके तहत स्वास्थ्य देखभाल, पानी, ऊर्जा, भोजन और पोषण जैसी सामाजिक चुनौतियों के समाधान के लिए कदम उठाए गए हैं। सहयोग में जल, हरित परिवहन, ई-गतिशीलता, स्वच्छ ऊर्जा, जैव-अर्थव्यवस्था और स्वास्थ्य पर ध्यान केंद्रित किया गया है।यूरोपीय संघ और भारत मानव विकास और नवोन्मेष में सबसे आगे हैं।
भारत के लिए अपने लोगों की बुनियादी जरूरतों का इंतजाम करना और उच्च-तकनीकी बाजारों में बेहतर होना दोहरा उद्देश्य है। दोनों क्षेत्रों में यूरोपीय संघ और भारत परस्पर लाभप्रद अवसर प्रदान करते हैं। छात्रों, शोधकर्ताओं और पेशेवरों के बीच आदान-प्रदान में वृद्धि से दोनों पक्षों को लाभ होगा।
वैश्विक सप्लाई चेन का हिस्सा बनने के लिए भारत को अपना बाजार दूसरे देशों की कंपनियों के लिए खोलना होगा। अब बहुत संभव है कि नवंबर, 2020 तक भारत व अमेरिका के बीच सीमित दायरे वाले व्यापार समझौते की घोषणा हो जाए। वर्ष 2013 के बाद भारत-यूरोपीय संघ के व्यापारिक समझौते पर ठप्प वार्ता की नई शुरुआत जल्द होगी। शुक्रवार को भारत-ब्रिटेन ज्वाइंट इकोनोमिक व ट्रेड समिति की बातचीत में फ्री ट्रेड एग्रीमेंट की तरफ बढ़ने की सहमति बनी है। बहुत संभव है कि यूरोपीय संघ व ब्रिटेन से व्यापार समझौता एक साथ ही हो।