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देश के 14 क्षेत्रीय दलों ने इलेक्टोरल बांड से जुटाए 448 करोड़

रिपोर्ट के तुलनात्मक अध्ययन से पाया गया कि 23 दलों की आय 2018-19 से 2019-20 के बीच बढ़ गई। बाकी 16 की आय में गिरावट आई। इन 39 दलों की आय 2018-19 में 1087.21 करोड़ रुपये से घटकर 2019-20 में 874.47 करोड़ रुपये रह गई।

By TilakrajEdited By: Published: Thu, 14 Oct 2021 03:23 PM (IST)Updated: Thu, 14 Oct 2021 03:23 PM (IST)
देश के 14 क्षेत्रीय दलों ने इलेक्टोरल बांड से  जुटाए 448 करोड़
23 दलों की आय 2018-19 से 2019-20 के बीच बढ़ गई

नई दिल्‍ली। एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्‍स ने 2019-20 में राजनीतिक दलों की कमाई की रिपोर्ट जारी की है। इसमें 42 क्षेत्रीय दलों की कुल आय का विश्लेषण किया गया है। इनमें 14 दलों से इलेक्टोरल बांड से राशि

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जुटाने की जानकारी उपलब्ध कराई है। इन 42 दलों में से 39 के 2018-19 की कमाई के आंकड़े भी उपलब्ध

थे।

इस रिपोर्ट के तुलनात्मक अध्ययन से पाया गया कि 23 दलों की आय 2018-19 से 2019-20 के बीच बढ़ गई। बाकी 16 की आय में गिरावट आई। संयुक्त रूप से देखा जाए, तो इन 39 दलों की आय 2018-19 में 1087.21

करोड़ रुपये से घटकर 2019-20 में 874.47 करोड़ रुपये रह गई।

इन दलों ने दी जानकारी टीआरएस, तेदेपा, वाईएसआर-सी, बीजद, डीएमके, शिवसेना, आम आदमी पार्टी, जद(यू), सपा, जेडीएस, शिअद, अन्नाद्रमुक, राजद और झामुमो ने इलेक्टोरेल बांड से फंड जुटाने की जानकारी दी है। बचा रहा बड़ा हिस्सा 24 क्षेत्रीय दलों की आय का काफी हिस्सा उन्होंने खर्च नहीं किया। 18 क्षेत्रीय दलों ने अपनी कमाई से ज्यादा खर्च किया है।

 

बता दें कि भारतीय स्टेट बैंक की 29 शाखाओं को इलेक्टोरल बॉन्ड जारी करने और उसे भुनाने के लिए अधिकृत किया गया। ये शाखाएं नई दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, गांधीनगर, चंडीगढ़, पटना, रांची, गुवाहाटी, भोपाल, जयपुर और बेंगलुरु में स्थित हैं। इलेक्टोरल बॉन्ड फाइनेंस एक्ट 2017 के द्वारा लाए गए थे। यह बॉन्ड साल में चार बार जनवरी, अप्रैल, जुलाई और अक्टूबर में जारी किए जाते हैं। केंद्र सरकार ने इस दावे के साथ इस बॉन्ड की शुरुआत की थी कि इससे राजनीतिक फंडिंग में पारदर्शिता बढ़ेगी।


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