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अजरबैजान- भारत के बीच दो अहम समझौतों पर हस्ताक्षर, बोलीं सुषमा- आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा

भारत और अजरबैजान के बीच दो अहम समझौतों पर हस्ताक्षर। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने जोर-शोर से उठाया आतंकवाद का मुद्दा।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Thu, 05 Apr 2018 08:29 AM (IST)Updated: Thu, 05 Apr 2018 02:40 PM (IST)
अजरबैजान- भारत के बीच दो अहम समझौतों पर हस्ताक्षर, बोलीं सुषमा- आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा
अजरबैजान- भारत के बीच दो अहम समझौतों पर हस्ताक्षर, बोलीं सुषमा- आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए खतरा

बाकू (प्रेट्र)। अजरबैजान दौरे पर विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद के मुद्दे को पूरे जोर-शोर से उठाया है। उन्होंने कहा, 'आतंकवाद अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए सबसे बड़ा खतरा है। यह विकास लक्ष्यों को प्राप्त करने की हमारी क्षमता को कम करता है। दुर्भाग्य से आतंकवाद के खिलाफ उस तरह से कार्रवाई नहीं हुई जैसी होनी चाहिए थी।' यह उन्होंने अजरबैजान में गुट निरपेक्ष आंदोलन की मध्य-अवधि की मंत्रियों की बैठक में कही।

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इस बीच सुषमा स्वराज ने अजरबैजान के साथ दो अहम समझौतों पर हस्ताक्षर किए। राजनयिक, आधिकारिक और सेवा पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट व राजनयिक प्रशिक्षण संस्थानों के बीच सहयोग के मुद्दे पर समझौता हुआ है।

इससे पहले विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने बुधवार को अजरबैजान के विदेश मंत्री एल्मार मम्मादयारोव से मुलाकात की। दोनों के बीच कई मसलों पर सार्थक चर्चा हुई। यह पहली बार है जब भारत का कोई विदेश मंत्री अजरबैजान के दौरे पर गया है।

सुषमा ने दोनों देशों के बीच के रिश्तों को बेहतरीन बताया और इन्हें और ज्यादा मजबूत करने की वकालत की। उनका कहना था कि दोनों देश जलवायु परिवर्तन के साथ आतंकवाद से निपटने को वचनबद्ध हैं। उन्होंने कहा कि दोनों के बीच कारोबार 2005 में पांच करोड़ डॉलर था, जो 2017 में 46 करोड़ डॉलर हो गया है। बाकू-बिलसी-केहान तेल लाइन के मेदीटेरेनियन बंदरगाह तक पहुंचने से भारतीय कंपनियों को सहूलियत मिल रही है। अब वे मनमाफिक कच्चा तेल खरीद रही हैं।

उन्होंने बताया कि अजरबैजान सरकार ने फार्मास्यूटिकल व चिकित्सकीय उत्पादों के निर्माण के लिए भारतीय कंपनियों को आमंत्रित किया है, जिससे संयुक्त उपक्रम स्थापित किया जा सके। उनका कहना था कि अजरबैजान के बीस विद्यार्थी हर साल भारत में इंडियन टेक्निकल एंड इकॉनामिक कॉपरेशन (आइटीइसी) के तहत आ रहे हैं। दोनों देश इलेक्ट्रानिक वीजा सिस्टम प्रणाली को अपना रहे हैं। पिछले साल अप्रैल में यह योजना शुरू की गई थी। इससे पहले स्वराज को वहां के राष्ट्रपति इल्हाम अलियेव ने अपने निवास पर आमंत्रित किया। उनसे भी स्वराज ने द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। गुरुवार को वह नॉन एलाइंड मूवमेंट (एनएएम) में शिरकत करेंगी।


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