परमाणु हथियारों पर अमेरिकी रिपोर्ट से भड़के रूस और चीन
चीनी रक्षा मंत्रालय के अनुसार उसकी सैन्य गतिविधियां पूरी तरह से सुरक्षात्मक हैं।
बीजिंग (एपी/आइएएनएस)। परमाणु हथियारों को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट से चीन और रूस चिढ़ गए हैं। दोनों ने ही अमेरिकी दावों को गलत बताया है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन अपने परमाणु हथियारों के भंडार में बढ़ोतरी कर रहा है जबकि रूस अपने परमाणु आयुधों को कम करना नहीं चाहता। रूसी हथियार दुनिया की सुरक्षा के लिए खतरा बने हुए हैं।
चीन ने कहा है कि अमेरिका दूसरों पर आरोप लगाने से पहले अपने परमाणु हथियारों को कम करे जिसके लिए उसने संकल्प जताया है। चीनी रक्षा मंत्रालय के अनुसार उसकी सैन्य गतिविधियां पूरी तरह से सुरक्षात्मक हैं और परमाणु हथियारों की भी उतनी ही संख्या है जितनी उसकी सुरक्षा के लिए जरूरी है। बयान में कहा गया है कि अमेरिका शीत युद्ध काल की अपनी मानसिकता में बदलाव लाए और परमाणु निशस्त्रीकरण की अपनी जिम्मेदारी को निभाए। अमेरिका ने परमाणु हथियारों पर समीक्षा रिपोर्ट शुक्रवार को जारी की है।
रूस ने भी अमेरिकी रिपोर्ट पर कड़ी आपत्ति जताते हुए अपने परमाणु हथियारों की संख्या कम करने से इन्कार कर दिया है। रूसी विदेश मंत्रालय ने प्रतिक्रिया में कहा है कि रिपोर्ट में अमेरिका का रूस विरोधी रुख साफ नजर आ रहा है। रिपोर्ट में झूठे तथ्यों के आधार पर दावे किए गए हैं जो रूस को अस्वीकार्य हैं। अमेरिकी रिपोर्ट में कहा गया है कि रूस लगातार परमाणु शस्त्रों के नियंत्रण के समझौते का उल्लंघन कर रहा है। उल्लेखनीय है कि रूस के पास दुनिया में सबसे ज्यादा परमाणु हथियार हैं। पूर्व में हुए एक समझौते के तहत रूस और अमेरिका ने अपने-अपने परमाणु हथियार नष्ट किए थे लेकिन अभी भी दोनों के पास 14 हजार से ज्यादा परमाणु हथियार मौजूद हैं जो दुनिया को कई बार नष्ट कर सकते हैं।
बर्बादी के करीब पहुंचेगी दुनिया
ईरान ने कहा है कि अमेरिका की नई परमाणु नीति दुनिया को बर्बादी के और निकट ले जाएगी। रक्षा मंत्रालय की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका अब अपने परमाणु आयुध भंडार में इजाफा करेगा। जाहिर है इससे दुनिया में परमाणु हथियारों को बढ़ाने की होड़ एक बार फिर से शुरू होगी। ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद जरीफ के मुताबिक अमेरिका की घोषणा परमाणु अप्रसार संधि का उल्लंघन है।