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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी को जोरदार समर्थन, जी-4 देशों ने UNSC में सुधारों का लिया संकल्प

वैश्विक मंचों पर भारत की कूटनीति रंग लाने लगी है। जी-4 देशों ने यूएनएससी सुधारों की धीमी गति को तेज करने का संकल्प लिया है। चीन समेत ब्रिक्स देशों ने भी सुधारों के लिए सहमति जता दी है। इसमें पुर्तगाल का भी समर्थन है।

By JagranEdited By: Krishna Bihari SinghPublished: Fri, 23 Sep 2022 09:39 PM (IST)Updated: Fri, 23 Sep 2022 11:00 PM (IST)
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत की दावेदारी को जोरदार समर्थन, जी-4 देशों ने UNSC में सुधारों का लिया संकल्प
जी-4 समूह के देशों ने भारत को UNSC में शामिल करने की मांग पर कदम तेज करने का आहृवान कियाहै।

संजय मिश्र, न्यूयार्क। संयुक्त राष्ट्र की 77वीं आम सभा के दौरान संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत की स्थायी सदस्यता की दावेदारी को भारी और मजबूत समर्थन मिल रहा है। जी-4 समूह के देशों ने संयुक्त राष्ट्र सुधारों की धीमी गति पर चिंता जाहिर करते हुए भारत समेत चारों देशों को सुरक्षा परिषद में शामिल करने की मांग पर कदम तेज करने का आहृवान किया है। भारत के साथ जी-4 के सदस्यों जापान, जर्मनी और ब्राजील ने ठोस समय सीमा के भीतर इन सुधारों को लागू करने के लिए अपनी सामूहिक कूटनीतिक पेशबंदी को भी गति देने की घोषणा की है।

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ब्रिक्स देश भी आए आगे

ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान भी संयुक्त राष्ट्र सुधारों का समर्थन किया गया। विकासशील देशों के समूह एल 69 ने भी यूएनएससी में भारत को शामिल करने की मांग का पूरा समर्थन किया। वहीं पुर्तगाल के प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा ने तो संयुक्त राष्ट्र आमसभा के अपने संबोधन में दो टूक कहा कि भारत के साथ ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका को यूएनएससी में जगह दिया जाना अपरिहार्य है।

कूटनीति को धार दे विदेश मंत्री

आम सभा की बैठक के दौरान भारत की वैश्विक कूटनीतिक को धुआंधार गति से आगे बढ़ा रहे विदेशमंत्री एस जयशंकर बीते पांच दिनों अब तक 30 से अधिक देशों के नेताओं के साथ बहुपक्षीय से लेकर द्विपक्षीय बैठकें कर चुके हैं। इन तमाम देशों के विदेश मंत्रियों के साथ कई राष्ट्र प्रमुखों ने बिना देरी किए भारत को यूएनएससी का सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया।

पारदर्शिता की कमी का मुद्दा उठाया

संयुक्त राष्ट्र आम सभा से इतर गुरूवार को जयशंकर की मौजूदगी में हुए जी-4 देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में बीते एक साल के दौरान सुरक्षा परिषद में सुधार की दिशा में सार्थक ठोस पहल की कमी पर अपनी चिंता जाहिर करते हुए इसमें खुलेपन और पारदर्शिता की कमी का सवाल उठाया।

यूएनएससी सुधारों पर हो काम 

भारत, जापान, जर्मनी और ब्राजील के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद जारी संयुक्त बयान में कहा कि संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें सत्र में यूएनएससी सुधारों का तात्कालिक और निर्णायक समाधान निकालने की दिशा निर्धारित की जाए। चारों देशों ने इसको लेकर अपनी सामूहिक प्रतिबद्धता को दोहराते हुए अंतर सरकारी वार्ता (आइजीएन) को बिना किसी देरी के शुरू करने का संकल्प लिया।

यूएनएससी में सुधार की तत्काल आवश्यकता

दुनिया में जारी मौजूदा संघर्षों और जटिलताओं की वैश्विक चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए चारों विदेश मंत्रियों ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार और इसके मुख्य निर्णय लेने वाली इकाईयों को प्रासंगिक बनाना अब समय की अपरिहार्य मांग है। चारों देशों ने वैश्विक संघर्षों के समाधान में सुरक्षा परिषद की पिछले सालों में सामने आयी असफलताओं को रेखांकित करते हुए कहा कि इसके निर्णयों की वैधता और कार्यान्वयन को बढ़ाने के लिए यूएनएससी में सुधार की तत्काल आवश्यकता है।

भारत के नजरिए को बेलाग तरीके से स्पष्ट किया

जी-4 देश अगले साल की शुरुआत में अपनी संयुक्त पहल को गति देने के लिए जर्मनी में अगले साल की शुरुआत में बैठक के लिए भी सहमत हुए। विदेश मंत्री जयशंकर ने बीते पांच दिनों के अपने धुआंधार कूटनीतिक बैठकों के दौरान इस नजरिए को बेलाग तरीके से स्पष्ट किया है कि सुरक्षा परिषद के स्थायी सदस्य के रूप में एक स्थान का भारत हकदार है और यूनएससी अपने वर्तमान स्वरूप में 21वीं सदी की भू-राजनीतिक वास्तविकताओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता।

रोडमैप पर चर्चा

आम सभा के दौरान गुरुवार को न्यूयार्क में ब्रिक्स देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भी यूनएससी सुधारों की प्रक्रिया को सामूहिक रूप से निर्णायक रूप से आगे बढ़ाने के लिए एक रोडमैप पर चर्चा हुई। इसमें रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव और चीनी विदेश मामलों के मंत्री के अलावा ब्राजील और दक्षिण अफ्रीका के विदेश मंत्री मौजूद थे।

भारत की स्थाई सदस्यता पर ढूलमूल रुख

संयुक्त राष्ट्र और उसके प्रमुख अंगों में सुधारने के लिए ब्रिक्स देशों की संयुक्त प्रतिबद्धता इस लिहाज से अहम है कि चीन भी इस हामी में शामिल है। यूएनएससी के मौजूदा पांच सदस्यों में चीन ही अब तक भारत की स्थाई सदस्यता पर ढुलमूल रुख अपनाए हुए है। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने इसी हफ्ते आम सभा के अपने संबोधन में भारत को यूएनएसी में शामिल करने का जमकर समर्थन किया था।

भारत की दावेदारी सबसे अहम एजेंडा

विदेश मंत्री जयशंकर ने बीते पांच दिनों में अमेरिका, रूस, जर्मनी, जापान, ब्राजील, दक्षिण अफ्रीका, ब्रिटेन, मेक्सिको, श्रीलंका, मोजांबिक, तंजानिया, बांग्लादेश, वियतनाम, मोरक्को, इंडोनेशिया से लेकर चीन के विदेश मंत्रियों के साथ द्विपक्षीय या बहुपक्षीय बैठकों के दौरान बातचीत की है। इसमें जाहिर तौर पर सुरक्षा परिषद में सुधार और भारत की दावेदारी सबसे अहम एजेंडा रहा है। संयुक्त राष्ट्र आम सभा के दौरान विदेश मंत्री की यह अभूतपूर्व और धुआंधार पहल वैश्विक कूटनीति में भारत के बढ़ते प्रभाव की एक झलक भी दिखा रही है।  

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