श्रीलंका में बढ़ा सियासी संकट, राष्ट्रपति ने की संसद निलंबित
सत्तारूढ़ गठबंधन को महिंदा राजपक्षे की पार्टी से हालिया चुनावों में मिली हार मानी जा रही वजह
कोलंबो (प्रेट्र)। श्रीलंका में गहराते सियासी संकट के बीच राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेन ने शुक्रवार को हैरान करने वाला कदम उठाया। उन्होंने देश की संसद को महीनेभर के लिए निलंबित कर दिया। इस फैसले के पीछे कोई कारण नहीं बताया गया। लेकिन माना जा रहा है कि हालिया चुनावों में सत्तारूढ़ गठबंधन को मिली हार इसकी वजह हो सकती है।
सिरीसेन की श्रीलंका फ्रीडम पार्टी (एसएलएफपी) और यूनाइटेड नेशनल पार्टी (यूएनपी) की गठबंधन सरकार को उस समय शर्मिदगी का सामना करना पड़ा था जब फरवरी में पूर्व राष्ट्रपति महिंद्रा राजपक्षे की नवगठित पार्टी ने स्थानीय चुनावों में शानदार जीत दर्ज की। इस जीत को सत्तारूढ़ गठबंधन के जनमत संग्रह के तौर पर देखा गया। यूएनपी प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे की पार्टी है। राष्ट्रपति सिरीसेन ने संविधान के अनुच्छेद 70 के तहत प्राप्त शक्तियों के आधार पर संसद निलंबित करने का फैसला किया है।
विशेष अधिसूचना में सिरीसेन ने कहा, '12 अप्रैल की रात से संसद का सत्रावसान किया जा रहा है। संसद का अगला सत्र आठ मई से शुरू होगा।' सिंहली और तमिल नववर्ष की छुट्टियों के बाद 19 अप्रैल को संसद की बैठक होनी थी। एक दिन पहले ही सिरीसेन के नेतृत्व वाली सरकार के छह मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था। इन लोगों ने कुछ दिन पहले प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने के पक्ष में मतदान किया था। ये सभी मंत्री एसएलएफपी कोटे के थे।
एसएलएफपी सरकार में बने रहने पर लेगी निर्णय
सूत्रों के अनुसार, एसएलएफपी अगले हफ्ते गठबंधन सरकार छोड़ने के बारे में निर्णय लेगी। सिरीसेन ने 2015 में राजपक्षे सरकार से इस्तीफा देकर विक्रमसिंघे से हाथ मिला लिया था। उस समय विक्रमसिंघे विपक्ष के नेता थे। सिरीसेन ने राष्ट्रपति चुनाव में राजपक्षे को पराजित किया था। वह 2015 से इस पद पर हैं।