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डोकलाम विवाद के बाद पहली बार चिनफिंग से मिले PM मोदी, 24 घंटे में होंगी 6 मुलाकातें

डोकलाम विवाद के बाद आज पहली बार चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिले पीएम मोदी। मोदी और चिनफिंग की ये मुलाकात अनौपचारिक है।

By Nancy BajpaiEdited By: Published: Fri, 27 Apr 2018 07:50 AM (IST)Updated: Fri, 27 Apr 2018 03:03 PM (IST)
डोकलाम विवाद के बाद पहली बार चिनफिंग से मिले PM मोदी, 24 घंटे में होंगी 6 मुलाकातें
डोकलाम विवाद के बाद पहली बार चिनफिंग से मिले PM मोदी, 24 घंटे में होंगी 6 मुलाकातें

वुहान (एएनआइ/जेएनएन)। डोकलाम विवाद के बाद आज पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मिले। वुहान के हूबे प्रांतीय म्यूजियम में दोनों नेताओं ने गर्मजोशी से एक-दूसरे से हाथ मिलाया। पीएम मोदी के स्वागत में हूबे प्रांतीय म्यूजियम में सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। जहां दोनों नेता कार्यक्रम का लुत्फ उठाते दिखे। इसके बाद दोनों नेताओं के बीच बैठक हुई। जिसमें दोनों देशों के प्रतिनिधि भी शामिल रहे। भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल भी इस मुलाकात के दौरान मौजूद रहे।

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बता दें कि मोदी और चिनफिंग की ये मुलाकात अनौपचारिक है। जिसका मलतब है दोनों नेता 24 घंटे में 6 बार मिलेंगे और विभिन्न मसलों पर बात करेंगे, लेकिन इस बैठक में न तो कोई समझौता होगा और न ही दोनों नेता संयुक्त बयान जारी करेंगे। बता दें कि पीएम मोदी अनौपचारिक शिखर बैठक में शामिल होने दो दिवसीय (27-28 अप्रैल) चीन दौरे पर हैं। इस बैठक को लेकर न सिर्फ चीन बल्कि भारत भी काफी उत्साहित है। इसकी एक वजह यह भी है कि पिछले साल 72 दिनों तक चले डोकलाम विवाद के बाद यह मोदी और चिनफिंग के बीच पहली मुलाकात है। चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में मोदी-चिनफिंग की मुलाकात को दोनों देशों के रिश्ते में नए अध्याय की शुरुआत बताया गया है।

मुलाकात से उत्साहित चीनी मीडिया

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे लेख में कहा गया कि भारत और चीन के बीच एक दूसरे के प्रति अविश्वास की भावना है, जो डोकलाम में 72 दिनों तक चले सैन्य गतिरोध के बाद और बढ़ी है। इस अनौपचारिक शिखर बैठक से दोनों देशों के रिश्तों में जारी तनाव को कम करने और आपसी विश्वास बहाली में मदद मिलेगी।

पीएम के साथ 6 प्रतिनिधिमंडल का समूह

चीन की इस यात्रा के दौरान पीएम मोदी के साथ 6 प्रतिनिधिमंडल का एक समूह भी है। दूसरे राउंड की बैठक में ये प्रतिनिधि मंडल का समूह शामिल होगा। हालांकि, बताया जा रहा है कि इसमें किसी एजेंडे पर बातचीत नहीं होगी। इसके अलावा शुक्रवार की रात ईस्ट लेक गेस्ट हाउस में शी चिनफिंग की मेहमाननवाजी में पीएम मोदी रात्रि भोजन करेंगे।  शनिवार को ईस्ट लेक गेस्ट हाउस में ही पीएम मोदी और चिनफिंग के बीच बातचीत होगी। 
पीएम मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों नेता बोट राइडिंग भी करेंगे। उसके बाद लंच भी का भी इंतजाम है।

रवानगी से पहले बोले पीएम

यात्रा पर जाने से पहले पीएम मोदी ने भी चीन और भारत के संबंधों में सुधार की उम्मीद जताई थी। गुरुवार को उन्होंने कहा था कि वह दोनों देशों के रिश्तों की रणनीतिक और भविष्य के नजरिए से समीक्षा करेंगे। उम्मीद है कि दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और डोकलाम विवाद सहित कई जटिल मुद्दों पर मतभेदों को सुलझाने की कोशिश करेंगे।

चीन-भारत विवाद

बता दें कि पिछले साल डोकलाम पर हुआ सैन्य गतिरोध ही केवल भारत और चीन के संबंधों में खटास नहीं लाया है। बल्कि एनएसजी में भारत की सदस्यता को लेकर चीन का विरोध और जैश सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने की राह में चीन द्वारा रोड़ा अटकाए जाने के मसले पर भी दोनों देशों के बीच तनातनी है। इसके अलावा चीन की महात्वाकांक्षी वन वेल्ट वन रोड को लेकर भी दोनों देशों के बीच परेशानी है। जिसको लेकर चीन की मीडिया में कहा जा रहा है कि चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (CPEC) को लेकर चीन को भारत को आश्वस्त करना चाहिए कि यह एक आर्थिक परियोजना है और इससे चीन की निष्पक्षता प्रभावित नहीं होगी। दरअसल, चीन द्वारा बनाया जा रहा ये कॉरिडोर बलूचिस्तान प्रांत से होकर गुजरेगा, जहां दशकों से लगातार अलगाववादी आंदोलन चल रहे हैं।

इसके साथ-साथ गिलगिट-बल्टिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर का इलाका भी शामिल है। भारत द्वारा इसका विरोध इस कारण किया जा रहा है क्योंकि यह गलियारा पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (POK) के गिलगित-बाल्टिस्तान और पाकिस्तान के विवादित क्षेत्र बलूचिस्तान से होते हुए जायेगा। यातायात और ऊर्जा का मिला-जुला यह प्रोजेक्ट समंदर में बंदरगाह को विकसित करेगा जो भारतीय हिंद महासागर तक चीन की पहुंच का रास्ता खोल देगा।


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