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PM Modi meeting with Trump : बड़ी अहम है यह मुलाकात, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

PM Modi meeting with Trump at G 20 Summit पीएम मोदी शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे।बढ़ते मतभेदों के मद्देनजर यह मुलाकात बड़ी अहम मानी जा रही है।

By TaniskEdited By: Published: Thu, 27 Jun 2019 09:33 PM (IST)Updated: Fri, 28 Jun 2019 09:00 AM (IST)
PM Modi meeting with Trump : बड़ी अहम है यह मुलाकात, इन मुद्दों पर होगी चर्चा
PM Modi meeting with Trump : बड़ी अहम है यह मुलाकात, इन मुद्दों पर होगी चर्चा

नई दिल्ली,जेएनएन। PM Modi meeting with Trump at G 20 Summit, जापान में जी 20 शिखर सम्मेलन में भाग लेने गए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात करेंगे। व्यापार टैरिफ (शुल्क), रूस के साथ भारत के रक्षा सौदे और ईरान के खिलाफ अमेरिका की लड़ाई को लेकर दोनों देशों के बीच बढ़ते मतभेदों के मद्देनजर दोनों नेताओं के बीच होने वाली यह मुलाकात बड़ी अहम मानी जा रही है।

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टैरिफ को लेकर रार
हाल ही में अमेरिका की ट्रंप सरकार ने भारत को अपनी व्यापारिक वरीयता की लिस्ट यानी जीएसपी से बाहर कर दिया है। यानी निर्यातकों के उत्पादों पर अमेरिका में 10 फीसद ज्यादा शुल्क लगेगा। अमेरिका के इस कदम के बाद भारत ने बादाम, अखरोट और दालों समेत 29 चीज़ों पर कस्टम ड्यूटी बढ़ाने का फैसला किया। यह फैसला 16 जून से अमल में आ गया है। अमेरिकी उत्पादों पर भारत के टैरिफ पर ट्रंप पहले भी नाख़ुशी जता चुके हैं और उन्होंने भारत को टैरिफ किंग तक कहा है। अमेरिकी कांग्रेस की रिसर्च एजेंसी कांग्रेसनल रिसर्च सर्विस के अनुसार 2018 में भारत के कुल 54 अरब डॉलर के वस्तु निर्यात में अमेरिका से 11 फीसद यानी करीब 6.3 अरब डॉलर का निर्यात हुआ था।

ईरान है बड़ा मुद्दा
दोनों देशों के बीच ईरान को लेकर मतभेद गहराते जा रहे हैं। भारत के सामने दुविधा यह है कि जैसे-जैसे ईरान पर प्रतिबंधों का शिंकजा कसेगा, उसमें भारत को तय करना पड़ेगा कि वो ईरान के साथ कितनी दूर चलना चाहता है। भारत को ये देखना पड़ेगा कि उसकी ऊर्जा नीति पर क्या असर पड़ रहा है। इतने प्रतिबंध लगने के बाद भारत, ईरान के साथ बहुत कुछ कर नहीं सकता।

तेल की पूरी अर्थव्यवस्था परिवहन, बीमा और लॉजिस्टिक्स पूरी तरह से अमेरिका पर निर्भर है। इसलिए भारत सरकार भले ही प्रतिबंधों को न माने, लेकिन कंपनियों को प्रतिबंधों के हिसाब से ही चलना होगा। भारत का ईरान के साथ सिर्फ तेल का संबंध नहीं है। भारत ने चबहार बंदरगाह में बड़ा निवेश किया है। लेकिन अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों की वजह से भारत-ईरान संबंध के बढ़ने की संभावनाएं कम लग रही हैं। वहीं अमेरिका को उम्मीद है कि 2019 में भारत ईरान से अपने तेल आयात में कटौती करेगा।

एस-400 मिसाइल का विवाद
भारत ने एस -400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के लिए रूस के साथ समझौता किया है। लेकिन अमेरिका ने चेतावनी दी है कि यदि भारत एस-400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के फैसले पर आगे बढ़ता है तो उससे रक्षा संबंधों पर गंभीर असर पड़ेगा और उसपर काउंटरिंग अमेरिकाज ऐडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस ऐक्ट (सीएएटीएसए) प्रतिबंध लग सकता है।

व्यापार संबंध
अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है। वह चीन की तुलना में अमेरिका के साथ व्यापार करने के लिए अधिक महत्व देता है। पिछले दो साल में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग 119 अरब डॉलर (करीब 83.30 खरब रुपये) से बढ़कर 142 अरब डॉलर (98 खरब रुपये) करीब हो गया है। भारत की ऊर्जा चिंता को दूर करने के लिए, अमेरिका ने 2017 में भारत में कच्चे तेल के निर्यात को 10 मिलियन बैरल से बढ़ाकर 2018 में 50 मिलियन बैरल कर दिया।

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