पाकिस्तानी नेताओं ने इमरान से हाथ जोड़कर की अपील, और बेइज्जती न कराएं, फिर भी...
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने यूएन में ऐसी गलतियां की हैं जिसकी वजह से विपक्ष उन पर हमलावर रहा है। जानें- यूएन में भाषण के दौरान उन्होंने क्या-क्या गलती की।
नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। एक तरफ पाकिस्तानी प्रधानमंत्री, भारत के पीछे हाथ धोकर पड़े हुए हैं, दूसरी तरफ उन्हीं के देश के नेता हाथ जोड़कर उनसे अपील कर रहे हैं कि अब और बेइज्जती न कराएं। बावजूद इमरान खान हैं कि अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहे और उन्होंने एक बार फिर संयुक्त राष्ट्र महासभा में वही किया जिसका उनके देश के नेताओं को डर था। उन्होंने एक बार फिर अपनी अंतरराष्ट्रीय मंच पर अपनी समझ पर सवाल खड़े कर लिए हैं।
मालूम हो कि यूएन में इमरान खान के भाषण देने से पहले पाकिस्तान की प्रमुख विपक्षी पार्टी 'पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी)' ने इमरान खान के विदेश दौरों पर रोक लगाने की मांग की थी। पीपीपी का तर्क था कि इमरान खान विदेशी दौरों पर जाकर पाकिस्तान की बदनामी करवाते हैं। वह जब भी विदेश जाते हैं, पाकिस्तान का घाटा कराकर आ जाते हैं। पीपीपी के सांसद मुस्तफा खोखकर ने दो दिन पहले कहा था, 'अमेरिका के दौरे पर इमरान खान ने कहा सेना और आईएसआई ने अलकायदा को ट्रेनिंग दी थी। इससे पूरे पाकिस्तान का खूब मजाक उड़ा।' 'इससे पहले ईरान दौरे पर उन्होंने कहा था पाकिस्तान आतंकवादियों का देश है।'
इमरान की गलतियों पर हमलावर हुआ विपक्ष
इमरान खान के यूएन भाषण से पहले पाकिस्तान में उन्हें लेकर एक चर्चा जोरों पर थी कि उन्हें भाषण पढ़कर देना चाहिए, क्योंकि वह बिना पढ़े बोले तो वो कोई बड़ी गलती कर देंगे। ऐसे में वह अपने ही देश की पोल खोल देंगे। इमरान की गलतियों का आलम ये है कि पाकिस्तान के लोगों को उन पर बिल्कुल भरोसा नहीं रहा। लोगों का कहना है कि इमरान ने अमेरिका पहुंचते ही मान लिया कि उनका देश, भारत से जंग लड़ने की हालत में नहीं है। इस बात को लेकर विपक्ष उन पर पहले ही हमलावर था। शुक्रवार को यूएन में वही हुआ जिसका डर था, संयुक्त राष्ट्र महासभा के 74वें सत्र में वही हुआ। इमरान खान ने केवल पाकिस्तान की अंतरराष्ट्रीय मंच पर छीछालेदर कराई, बल्कि उनकी जमकर खिल्ली भी उड़ रही है।
मोदी को बताया राष्ट्रपति
न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक शुक्रवार को इमरान खान यूएनजीए में कश्मीर राग अलापने में इतने मशगूल हो गए कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भारत का राष्ट्रपति बता दिया। उन्होंने अपने संबोधन में राष्ट्रपति नरेंद्र मोदी कहकर संबोधन किया। इसे लेकर सोशल मीडिया पर लोग उनका जमकर मजाक उड़ा रहे हैं। इमरान खान इससे पहले भी ऐसी गलती कर चुके हैं।
भाषण खत्म करने के लिए बार-बार दी गई चेतावनी
यूएन महासभा में दुनिया के सभी नेताओं को बोलने के लिए तकरीबन 15 मिनट का समय दिया गया था। इमरान खान अपनी रौ में ऐसे बहे कि आधे घंटे से ज्यादा देर तक बोलते रहे। इस दौरान उन्हें भाषण खत्म करने के लिए बर्जर बजाकर व लाल बत्ती जलाकर कई बार भाषण खत्म करने के लिए चेतावनी तक देनी पड़ी।
परमाणु हमले को लेकर भी उड़ रहा मजाक
इमरान खान ने एक बार फिर देश की किरकिरी कराते हुए यूएन के मंच से परमाणु हमले की धमकी दे डाली। उन्होंने कश्मीर मुद्दे को लेकर ये धमकी दी थी। इससे पहले भी कई बार इमरान खान और उनके बड़बोले नेता परमाणु हमले की धमकी दे चुके हैं। इसे लेकर दुनिया के कई देश पाकिस्तान की निंदा भी कर चुके हैं और विश्व शांति के लिए उसके परमाणु हथियारों को बड़ा खतरा बता चुके हैं।
आतंकवाद पर फिर खुद को घेर लिया
इमरान खान लगातार पाकिस्तान को आतंकवादी देश घोषित करने पर तुले हुए हैं। अब यूएन के मंच से भी उन्होंने आतंकवाद के मुद्दे पर खुद को घेर लिया। उन्होंने अमेरिका पर आरोप लगाया कि उसने ही सोवियत संघ से लड़ने के लिए अफगानिस्तान में जेहादियों को तैयार करने के लिए पाकिस्तान को फंडिंग की थी। 26/11 हमले के बाद अमेरिका ने इन्हीं जेहादियों को आतंकवादी घोषित कर दिया। इससे इमरान ने एक बार फिर ये साबित कर दिया कि पाकिस्तान लंबे अर्से से आतंकवाद की फैक्ट्री रहा है।
न्याय नहीं मिला तो हथियार उठा लेंगे मुसलमान
इमरान खान ने अपने संबोधन में केवल पाकिस्तान ही नहीं, बल्कि पूरे इस्लाम समुदाय को कटघरे में खड़ा कर दिया। इमरान खान ने इस्लामी आतंकवाद मुद्दे पर यूएन के मंच से पूरी दुनिया को धमकी दी कि अगर इंसाफ नहीं मिला तो मुसलमान हथियार उठा लेंगे। ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या इमरान खान पूरी दुनिया के मुस्लमानों को कट्टर और जेहादी बताना चाह रहे हैं? क्या उन्हें लगता है कि पूरी दुनिया के मुसलमान हथियार उठाने और खून-खराबे को आतुर बैठे हैं?
हाफिज सईद के लिए मांगी थी पॉकेट मनी
यूएन महासभा को संबोधित करने से पहले भी इमरान खान ने यूएन के सामने हाफिज सईद को पॉकेट मनी देने की इजाजत मांगी थी। इसके बाद दुनिया भर की मीडिया में उनकी और पाकिस्तान की जमकर फजीहत हुई। इस पर खुद पाकिस्तान के लोग कह रहे हैं कि ये सारी बातें पाकिस्तानी संसद तक तो ठीक थी। इमरान अपनी रैलियों के लिए ऐसी बातों को बचा कर रखते तो भी गनीमत थी। लेकिन अपनी ही पोल खोलने पर तुले इमरान पूरी दुनिया में पाकिस्तान की हंसी क्यों उड़वा रहे हैं?