पाक का WTO मीटिंग में शामिल होने इंकार, भारत पर लगाया राजनयिक उत्पीड़न का आरोप
पाकिस्तान के राजनायिकों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन में शामिल होने से साफ इंकार कर दिया है।
इस्लामाबाद,(पीटीआइ)। भारत और पाकिस्तान के बीच चल चल रहा राजनीतिक विवाद थमने का नाम ही नहीं ले रहा। पाकिस्तान के राजनायिकों ने वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन में शामिल होने से साफ इंकार कर दिया है। बता दें कि कार्यक्रम 20 मार्च के दिल्ली में आयोजित होगा।
भारत की ने पाकिस्तान के वाणिज्या मंत्री परवेज मलिक को वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन में शामिल होने का निमंत्रण भेजा था पाकिस्तान ने इस आमंत्रण को अस्वीकार कर दिया। पाकिस्तान के अखबार द नेशन के राजनायिक सूत्रों के अनुसार एक अधिकारी ने कहा कि दिल्ली में होने वाली डब्ल्यूटीओ की मीटिंग में इस्लामाबाद से कोई नहीं शामिल होगा। उन्होंने कहा, 'हमने इस फैसले के बारे में भारत को बता दिया है। हम भारत में अपने वाणिज्य मंत्री को नहीं भेज सकते जब वह हमारे राजनयिको को प्रताड़ित कर रहे हों।
एक अन्य अधिकारी ने कहा, 'भारत हमें हल्के में नहीं ले सकता। वह कश्मीरियों को मारना चाहते हैं, राजनयिको का उत्पीड़न किया जा रहा है। पाक के खिलाफ साजिश रची जाती है और फिर हमें आमंत्रित किया जा रहा है।' गौरतलब है कि इस समिट में पाकिस्तान के अलावा भारत ने अमेरिका और चीन समेत 50 देशों के मंत्रियों को आमंत्रित किया है।
पाकिस्तान का भारत पर आरोप
गौरतलब है कि पाकिस्तान ने आरोप लगाया था कि भारत में मौजूद उसके राजनयिकों और उनके परिवारों को परेशान किया जा रहा है। जबकि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग को प्रताड़ित किया जा रहा है लेकिन इन्होंने मीडिया के सामने यह जाहिर नहीं किया है। इस मामले पर बातचीत के लिए पाकिस्तान ने अपने हाई कमिश्नर सोहेल महमूद को भी बुलाया था। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान ने gov.in डोमेन वाली सभी भारत सरकार की वेबसाइट्स को ब्लॉक कर दिया है। जिससे वहां नियुक्त राजनयिक और अधिकारी सरकारी वेबसाइट्स को ना देख सकें।
भारत ने कहा समझौते का पूरी तरह पालन
भारत ने कहा है कि वह वियना समझौते का पूरी तरह पालन करता है और मानता है कि कूटनीतिक स्तर पर कई मसले हल होने चाहिए। भारत के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि अपने राजनयिकों को बातचीत के बुलाना एक सामान्य प्रक्रिया है। जाहिर है पाकिस्तान जानबूझकर इसे राजनयिकों के उत्पीड़न से जोड़ने की कोशिश कर रहा है।
ज्ञात हो कि इस्लामाबाद में भारतीय राजनयिकों को तरह-तरह से प्रताड़ित किया जा रहा है। वहां भारतीय राजनयिकों के लिए बन रहे एक आवासीय कांप्लेक्स के लिए बिजली-पानी की लाइन काट दी गई, जिसे शिकायत के बावजूद ठीक नहीं किया जा सका है। इसके अलावा विदेशी राजनयिकों को स्वाभाविक तौर पर मिलने वाली इस्लामाबाद क्लब की सदस्यता में भी भारतीय राजनयिकों को परेशान किया गया और गृहमंत्रालय से क्लीयरेंस नहीं मिलने का बहाना बनाकर उन्हें इससे वंचित रखा गया। तमाम उत्पीड़न के बाद भी भारत ने कभी सार्वजनिक तौर पर यह मुद्दा नहीं उठाया। बल्कि पाक विदेश सचिव से मिलकर भारतीय उच्चायुक्त अजय बिसारिया ने इन बातों को रखा। एक सवाल के जवाब में रवीश कुमार ने कहा पाकिस्तान स्थिति भारतीय उच्चायुक्त को चर्चा के लिए भारत बुलाए जाने पर अभी कोई विचार नहीं हुआ है।