टू प्लस टू वार्ता के कैंसिल होने के पीछे कहीं उत्तर कोरिया व रूस तो नहीं!
टू प्लस टू वार्ता के दूसरी बार भी रद हो जाने के बाद अमेरिका की लिस्ट में भारत की प्राथमिकता घटने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
नई दिल्ली (एजेंसी)। भारत-अमेरिका के बीच होने वाली उच्चस्तरीय टू प्लस टू वार्ता के रद होने के पीछे अमेरिकी विदेश मंत्री का उत्तर कोरिया का दौरा और रूस के साथ अमेरिकी राष्ट्रपति की मुलाकात को बताया जा रहा है। हालांकि 6 जुलाई को होने वाली इस उच्चस्तरीय वार्ता को रद करने की जानकारी देते हुए अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने खेद जताया है और जल्द ही इसे दोबारा आयोजित करने पर सहमति भी दी।
आधिकारिक पुष्टि नहीं
अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो अगले सप्ताह उत्तर कोरिया जा रहे हैं और इसी कारण अमेरिका ने भारत के साथ 6 जुलाई को होने वाली ‘टू प्लस टू वार्ता’ को रद कर दिया। यह जानकारी अमेरिकी सूत्रों ने गुरुवार को लंदन फाइनेंशियल टाइम्स को दिया। बता दें कि इन खबरों की आधिकारिक पुष्टि नहीं की गयी है।
स्वराज-सीतारमण को जाना था यूएस
अमेरिका के साथ उच्चस्तरीय वार्ता के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण को अगले हफ्ते वाशिंगटन जाना था। स्वराज और सीतारमण के अमेरिकी समकक्ष पोंपियो और जिम मैटिस को इस वार्ता में शामिल होना था। बैठक दोनों देशों के बीच सामरिक, सुरक्षा और रक्षा सहयोग को मजबूत करने पर केंद्रित थी।
दूसरी बार रद हुई है वार्ता
यह दूसरा मौका है जब टू प्लस टू वार्ता को रद किया गया है। इससे पहले अप्रैल में निश्चित यह वार्ता रद कर दी गयी थी क्योंकि उस वक्त ट्रंप ने तत्कालीन विदेश मंत्री रेक्स टिलरसन को हटाया था। फिनांशल टाइम्स ने बताया कि दूसरी बार प्योंगयांग दौरे के कारण यह वार्ता रद की गयी है। सूत्रों के अनुसार पोंपियो का यह दौरा उत्तर कोरिया के परमाणु निरस्त्रीकरण योजना पर चर्चा के लिए है। इससे पहले गत 12 जून को सिंगापुर में उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन से अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मुलाकात की थी।
15 जुलाई को है ट्रंप-पुतिन समिट
अमेरिकी विदेश विभाग के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि नहीं की है और रायटर्स को बताया कि पोंपियो की ऐसी कोई योजना नहीं है। इस वार्ता के रद होने के पीछे एक दूसरा कारण यह भी बताया जा रहा है कि अमेरिकी प्रशासन अपना ध्यान ट्रंप-पुतिन समिट पर केंद्रित कर रहा है जो संभवत: 15 जुलार्इ को वियना या हेलसिंकी में होनी है।
लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि अमेरिका की लिस्ट में भारत की प्राथमिकता कम तो नहीं हो गयी है जबकि अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता ने कहा है कि भारत अमेरिका के प्राथमिकताओं की लिस्ट में शीर्ष पर है। विदेश विभाग ने कहा, ‘अमेरिका-भारत संबंध इस प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकता है और हम इसे आगे बढ़ाने के साथ हमारी साझीदारी को मजबूत बनाने की चाहत रखते हैं।‘ भारत विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा, ‘अमेरिकी विदेश मंत्री व भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने इस वार्ता के लिए नई तारीख और जगह निश्चित करने को लेकर सहमति जताई है।‘