दो-तीन दिनों में भारत लाया जा सकता है भगोड़ा मेहुल चोकसी, एंटीगुआ और डोमिनिका के संपर्क में अधिकारी
भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी को डोमिनिका में पकड़े जाने के बाद उसे देश में लाने की कवायद भी तेज होती नजर आ रही है। समाचार एजेंसी एएनआइ ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि भारत एंटीगुआ और डोमिनिकन दोनों सरकारों के संपर्क में है।
जयप्रकाश रंजन, नई दिल्ली। अपने रिश्तेदार नीरव मोदी के साथ मिलकर भारतीय बैंकों को करीब 15 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाने के बाद एंटीगुआ में रह रहा भगोड़ा मेहुल चोकसी अगले दो-तीन दिनों के भीतर भारत लाया जा सकता है। कभी भारत में एक नामी स्वर्ण आभूषण कारोबारी के तौर पर प्रसिद्ध रहा चोकसी दो दिन पहले एंटीगुआ से भी फरार हो गया था, लेकिन बाद में उसे डोमिनिका पुलिस ने गिरफ्तार किया। डोमिनिका पुलिस का कहना है कि मेहुल चोकसी अभी भी हिरासत में है और उससे पूछताछ की जा रही है।
चोकसी को भारत लाने की मांग
उसकी गिरफ्तारी की सूचना मिलते ही भारतीय अधिकारियों ने एंटीगुआ और डोमिनिका से संपर्क साधा और चोकसी को भारत लाने की मांग रखी। दोनों देशों के साथ भारत की इस बारे में बात चल रही है। भारत में आर्थिक अपराध कर विदेश भागने वालों में चोकसी पहला बड़ा कारोबारी होगा जिसे स्वदेश लाया जाएगा। अपराध में उसके साथी नीरव मोदी को भी इंग्लैंड से लाने की कोशिश जारी है। जबकि एक अन्य आर्थिक अपराधी विजय माल्या का केस भी भारत ब्रिटेन की अदालतों में लड़ रहा है।
डोमिनिका कैसे पहुंचा चोकसी
भारत से फरार होने के बाद एंटीगुआ और बरबुडा की नागरिकता लेकर चोकसी ने भारतीय सुरक्षा एजेंसियों को काफी बड़ा धक्का दिया था। पिछले तीन वर्षों से भारतीय सुरक्षा एजेंसियां और विदेश मंत्रालय लगातार उसे भारत लाने की कोशिश में जुटे हुए हैं। चोकसी एंटीगुआ से फरार होकर डोमिनिका कैसे पहुंचा यह भी अभी रहस्य है। लेकिन डोमिनिका पुलिस ने इंटरपोल के यलो कार्नर नोटिस के आधार पर उसे गिरफ्तार कर लिया।
भारत को सौंप सकता है डोमिनिका
चोकसी की गिरफ्तारी की सूचना मिलने पर एंटीगुआ के प्रधानमंत्री गैस्टन ब्राउन ने भारतीय मीडिया को बताया कि उनके देश की कोई रुचि चोकसी को वापस लेने में नहीं है। उसे डोमिनिका सीधे भारत को सौंप सकता है। इस बारे में डोमिनिका के अधिकारियों को स्पष्ट आदेश दे दिया गया है। सनद रहे कि चोकसी भारतीय नागरिकता छोड़ने के बाद एंटीगुआ में एक सामान्य जिंदगी गुजार रहा था। दूसरी तरफ उसके स्वजन उसे भारत प्रत्यर्पण से बचाने में जुटे हुए हैं।
भारतीय एजेंसियां अलर्ट
एंटीगुआ के अधिकारियों ने पहले भारतीय उच्चायोग को इसकी जानकारी दी। इस पर भारतीय एजेंसियां सतर्क हुईं। एक सरकारी सूत्र के मुताबिक, हमने दोनों देशों से संपर्क साधा हुआ है। मेहुल चोकसी हो या कोई दूसरा अपराधी, उन्हें भारत लाने की हमारी इच्छाशक्ति पहले की ही तरह मजबूत है।
सजा दिलाने की होगी व्यवस्था
यह पूछे जाने पर कि चोकसी भारत की नागरिकता छोड़ चुका है तो उसे भारत लाने में कोई परेशानी तो नहीं होगी, इस पर सूत्रों ने बताया कि उसने भारत में अपराध किया है इसलिए हम उसे भारत लाना चाह रहे हैं। वह भारत का नागरिक है या नहीं, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। उसने अपराध भारत में, भारतीय संस्थानों के खिलाफ किया है, इसलिए उसे यहां सजा दिलाने की व्यवस्था होगी।
कई जांच एजेंसियां कर रहीं जांच
चोकसी ने अपने रिश्तेदार नीरव मोदी के साथ मिलकर पंजाब नेशनल बैंक के साथ 15,423 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की थी। पीएनबी के मुताबिक नीरव मोदी की कंपनी ने उसे 7,409 करोड़ रुपये और चोकसी ने 8,014 करोड़ रुपये का चपत लगाई थी। इस रकम की बाद में पंजाब नेशनल बैंक को अपने खाते से भरपाई करनी पड़ी थी। सीबीआइ, ईडी समेत कई जांच एजेंसियां इसकी तहकीकात में लगी हैं।
भारतीय एजेंसियों का काम हुआ आसान
वर्ष 2018 में चोकसी ने भारत और यहां की नागरिकता छोड़ दी थी और एंटीगुआ और बरबुडा नामक एक छोटे से देश में शरण ली और वहां की नागरिकता भी ले ली। एंटीगुआ से सीधे प्रत्यर्पण संधि नहीं होने से उसे भारत लाने में दिक्कतें हो रही थीं। लेकिन बढ़ते दबाव में वहां से फरार होकर डोमिनिका में छिपने की कोशिश करके चोकसी ने भारतीय एजेंसियों का काम आसान कर दिया है। हालांकि भारत और डोमिनिका के बीच भी प्रत्यर्पण संधि नहीं है, लेकिन संभवत: इससे कोई अड़चन नहीं आएगी।
चोकसी के शरीर पर यातनाओं के निशान
नई दिल्ली, एएनआइ। भगोड़े कारोबारी मेहुल चोकसी के वकील विजय अग्रवाल ने गुरुवार को दावा किया, 'मुझे बताया गया है कि शरीर (चोकसी के) पर उत्पीड़न के निशान हैं। अब हम डोमिनिका में कानूनी संसाधन जुटाने की अपनी पूरी कोशिश कर रहे हैं ताकि उन्हें वापस एंटीगुआ भेजा जा सके।' उन्होंने आरोप लगाया कि चोकसी को जबरन एंटीगुआ से उठाया गया और डोमिनिका ले जाया गया। अग्रवाल का यह भी कहना है कि कानूनी टीम ने डोमिनिका में चोकसी के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।