मालदीव संकट: पूर्व राष्ट्रपति ने मांगी भारत से मदद, दबाव में झुका सुप्रीम कोर्ट
मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने नौ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के आदेश को रद्द कर दिया है। इन कैदियों में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद शामिल हैं।
माले,एएनआइ। मालदीव में राजनीतिक उठा पटक जारी है। मालदीव की सर्वोच्च न्यायालय ने अब यू टर्न ले लिया है। कोर्ट ने मंगलवार को नौ राजनीतिक कैदियों को रिहा करने के आदेश को रद्द कर दिया है। इन कैदियों में पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद शामिल हैं। राष्ट्र में चल रहे राजनीतिक संकट के बीच सर्वोच्च न्यायालय ने 1 फरवरी को नौ राजनैतिक नेताओं के तत्काल रिहा करने का आदेश दिया था और उच्च न्यायालय की पीठ के खिलाफ किसी भी मामले की जांच से न्यायिक निगरानी रखने पर भी प्रतिबंध लगा दिया था।
राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने राजनीतिक उथल पुथल को देखते हुए सोमवार को देश में 15 दिन के आपातकाल की स्थिति घोषित करने के बाद सुरक्षाबलों को व्यापक ताकत दे दी है। जिसका प्रयोग वह इस समय कर सकते हैं। आपातकालीन स्थिति के तहत संवैधानिक अधिकारों को निलंबित कर दिया गया है।
पूर्व राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के जज गिरफ्तार
मालदीव में राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने 15 दिनों के लिए आपातकाल का एलान कर दिया। राजनेताओं की धरपकड़ तेज हो गई है। इस के तुरंत बाद पूर्व राष्ट्रपति मोमून अब्दुल गयूम को गिरफ्तार कर लिया गया था। वो मौजूदा राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन को पद से हटाए जाने के लिए अभियान चला रहे थे। देश के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद और सुप्रीम कोर्ट के एक अन्य जज को भी गिरफ्तार कर लिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे रिहाई के आदेश
बता दें कि कुछ दिन पहले ही मालदीव की सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद समेत 9 लोगों के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया था और इन राजनेताओं की रिहाई के आदेश भी दिए थे। जिसे राष्ट्रपति यामीन ने मानने से इंकार कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से सरकार का इनकार
सरकार ने पूर्व राष्ट्रपति मुहम्मद नशीद समेत राजनीतिक बंदियों की रिहाई का सुप्रीम कोर्ट का आदेश मानने से इन्कार कर दिया। अधिकारियों ने बताया कि इमरजेंसी लागू होने पर संसद को दो दिन में इसकी जानकारी देनी होती है। लेकिन, इसे सरकार पहले ही अनिश्चित काल के लिए निलंबित कर चुकी है।
पूर्व राष्ट्रपति ने भारत से मांगी मदद
पूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नशीद ने सीधे तौर पर भारत से न सिर्फ सहयोग मांगा है बल्कि सैन्य हस्तक्षेप की भी मांग की है। नशीद ने ट्विट कर कहा है कि, मैं मालदीव के नागरिकों की तरफ से बेहद नम्रता से यह आग्रह करता हूं कि, ''भारत अपनी सैन्य मदद के साथ अपने राजदूत भेजे ताकि यहां बंदी बनाये गये मोहम्मद अब्दुल गयूम समेत राजनीतिक हस्तियों, न्यायाधीशों को मुक्त करवाया जा सके। हम किसी की उपस्थिति का आग्रह करते हैं।''
भारत ने जारी की चेतावनी
मालदीव में जारी आपातकाल को देखते हुए विदेश मंत्रालय ने सोमवार को देश के नागरिकों को सलाह दिया कि वे मालदीव की अनावश्यक यात्रा पर न जाएं और मौजूदा हालात को देखते हुए प्रवासियों को अलर्ट किया है।