भारत छोड़ मालदीव ने चीन और पाक में भेजा अपना विशेष दूत
मालदीव के राजदूत अहमद मुहम्मद ने कहा, 'मालदीव के राष्ट्रपति के विशेष दूत की प्रस्तावित यात्रा की योजना के हिसाब से भारत वाकई पहला ठहराव था।
नई दिल्ली, प्रेट्र। मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन ने अपने देश में गहराते राजनीतिक संकट से अवगत कराने के लिए अपने विशेष दूत को चीन, पाकिस्तान और सऊदी अरब भेजा है। भारत को इसमें शामिल नहीं करने पर मालदीव ने कहा कि भारतीय नेता के पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत व्यस्त थे, इसलिए ऐसा नहीं हो पाया।
भारत स्थित मालदीव के राजदूत अहमद मुहम्मद ने कहा, 'मालदीव के राष्ट्रपति के विशेष दूत की प्रस्तावित यात्रा की योजना के हिसाब से भारत वाकई पहला ठहराव था। लेकिन, प्रस्तावित तारीखें भारतीय नेतृत्व के लिए उपयुक्त नहीं थीं।' उन्होंने कहा कि हमें पता है कि विदेश मंत्री सुषमा स्वराज विदेश यात्रा पर हैं और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस हफ्ते संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) की यात्रा पर जा रहे हैं। यामीन ने आर्थिक विकास मंत्री मुहम्मद सईद को चीन और विदेश मंत्री मुहम्मद आसिम को पाकिस्तान भेजा है। जबकि मत्स्य पालन एवं कृषि मंत्री मुहम्मद शैनी को सऊदी अरब भेजा है।
गौरतलब है कि मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति और विपक्ष के नेता मुहम्मद नशीद ने बुधवार को भारत से मौजूदा संकट का हल करने के लिए सैन्य हस्तक्षेप की मांग की थी। भारत मालदीव के घटनाक्रम पर करीबी नजर रख रहा है। भारत ने मंगलवार को कहा था कि वह वहां की सरकार द्वारा आपातकाल की घोषणा से विचलित है।
जनता और संस्थाओं के अधिकार बहाल हों
अमेरिका ने मालदीव के राष्ट्रपति अब्दुल्ला यामीन से जनता और संस्थाओं के अधिकारों को बहाल करने को कहा है। अमेरिकी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति यामीन, सेना और पुलिस सुप्रीम कोर्ट के वैधानिक फैसले को लागू करें और संसद की पूर्ण एवं उचित कार्यवाही सुनिश्चित करें। वहीं, यूएन मानवाधिकार आयोग के प्रमुख जायद राद जायद अल हुसैन ने मालदीव में बड़े पैमाने पर मानवाधिकार उल्लंघन की आशंका जताई है। इस्लामी देशों के संगठन (ओआइसी) ने भी मालदीव में बढ़ते तनाव और कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चिंता जताई है। उसने सभी पक्षों से देशहित में कानून का शासन और न्यायपालिका की स्वतंत्रता का सम्मान करने को कहा है।
गिरफ्तारी से पहले चीफ जस्टिस को दी थी हत्या की धमकी
मालदीव के चीफ जस्टिस अब्दुल्ला सईद के वकील हिसान हुसैन ने दावा किया कि गिरफ्तारी से पहले सईद को जान से मारने की धमकी दी गई थी। उन्हें राजनीतिक नेताओं से जुड़े फैसले को रद करने को कहा गया था। हालांकि उन्होंने यह नहीं बताया कि धमकी किसने दी। हुसैन ने कहा कि सुरक्षा बल चीफ जस्टिस को चैंबर से जमीन पर घसीटते हुए ले गए थे।
गौरतलब है कि मालदीव में राजनीतिक नेताओं को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के पिछले हफ्ते के आदेश का पालन नहीं करने के बाद राजनीतिक संकट उत्पन्न हो गया। राष्ट्रपति यामीन ने देश में आपात स्थिति की घोषणा कर दी और सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस और एक अन्य जज को गिरफ्तार कर लिया गया।
चीन ने यूएन मध्यस्थता का विरोध किया
बीजिंग। चीन ने मालदीव संकट को लेकर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) सुरक्षा परिषद की बैठक से पहले यूएन की मध्यस्थता का विरोध किया। उसने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से संकट खत्म करने के लिए संबंधित पक्षों में बातचीत को समर्थन देने को कहा है। चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गेंग शुआंग ने गुरुवार को कहा कि चीन मालदीव संकट के हल के लिए संबंधित पक्षों को समर्थन देने के पक्ष में है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय को मालदीव की संप्रभुता और अखंडता का सम्मान करना चाहिए और इस मामले में सकारात्मक भूमिका निभानी चाहिए।