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ट्रंप-जोंग शिखर वार्ता के तीन फसाद: USA बोला- किम ने घुटने टेककर शिखर वार्ता के लिए मांगी भीख

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, तेल अवीव विनिवेश सम्मेलन को संबोधित करते हुए गिलियानी ने कहा कि उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति कह रहे थे कि वे हमसे परमाणु युद्ध लड़ने जा रहे हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 07 Jun 2018 10:59 AM (IST)Updated: Thu, 07 Jun 2018 03:45 PM (IST)
ट्रंप-जोंग शिखर वार्ता के तीन फसाद: USA बोला- किम ने घुटने टेककर शिखर वार्ता के लिए मांगी भीख
ट्रंप-जोंग शिखर वार्ता के तीन फसाद: USA बोला- किम ने घुटने टेककर शिखर वार्ता के लिए मांगी भीख

वाशिंगटन [ एएफपी/आइएएनएस ]। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग की शिखर वार्ता के पहले रोज कोई न कोई  नया फसाद पैदा हो रहा है। इस कड़ी में एक नए फसाद ने जन्‍म लिया है। ट्रंप और जोंग के बीच प्रस्तावित मुलाकात से पहले अमेरिका ने बेहद तल्ख भाषा का इस्तेमाल किया है। यह नया फसाद इस समय सुर्खियों में है।

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फसाद- 1

जोंग ने घुटने टेककर अमेरिकी राष्ट्रपति से शिखर वार्ता के लिए भीख मांगी
दरअसल, ट्रंप के सहायक रुडी गिलियानी ने कहा है कि किम जोंग ने घुटने टेककर अमेरिकी राष्ट्रपति से शिखर वार्ता के लिए भीख मांगी है। उन्‍होंने कहा कि वह घुटने के बल पर इस शिखर वार्ता के लिए गिड़गिड़ाए हैं। गिलियानी की टिप्‍पणी उस वक्‍त आई जब ट्रंप और जोंग की यात्रा अभी प्रस्‍तावित है। हालांकि, अभी उत्‍तर कोरिया की ओर से इस बयान पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन लोगाें की नजर उसकी प्रति‍क्रिया पर लगी है।

फसाद- 2

तानाशाह किम जोंग उन के पास सिंगापुर के एक होटल का बिल देने को पैसे नहीं
कुछ दिन पहले उत्‍तर कोरिया के बयान ने दोनों नेताओं के मुलाकात में नया फसाद पैदा कर दिया था। दरअसल, उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग ने कहा था कि उनके पास सिंगापुर के एक होटल का बिल देने को पैसे नहीं हैं। दरअसल, फुलरटन होटल के राष्ट्रपति सुइट का एक रात का बिल छह हजार डॉलर (करीब चार लाख रुपये) है। उत्तर कोरिया पर अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों के चलते उसकी अर्थव्यवस्था बहुत कमजोर हो गई है। इसलिए किम के पास होटल का बिल देने के लिए धन नहीं है।

रोड़ा इस बात पर अटका है कि किम के बड़े प्रतिनिधिमंडल का खर्च कौन उठाएगा ? मीडिया रिपोर्ट की मानें तो अमेरिका किम और उसके प्रतिनिधिमंडल का खर्च उठाने के लिए तैयार है, लेकिन डर यह है कि कहीं किम इसे अपना अपमान न समझ लें। संभावना है कि अमेरिका सिंगापुर से खर्च उठाने को कहे। अमेरिकी विदेश विभाग की प्रवक्ता हीदर नोअर्ट ने कहा, 'सिंगापुर में उत्तर कोरियाई प्रतिनिधिमंडल के रहने का खर्चा अमेरिका नहीं दे रहा है।' हालांकि उन्होंने उस संभावना से इन्कार नहीं किया कि वह सिंगापुर से यह प्रबंध करने को कहे।

फसाद-3

किम के विमान पर फंसा पेंच 
किम किस विमान से सिंगापुर जाएंगे इसे लेकर भी यह यात्रा सुर्खियों में रही। क्‍या किम सिंगापुर किसी दूसरे देश के विमान में जाएंगे। क्योंकि सिंगापुर और उत्तर कोरिया के बीच की दूरी करीब 4828 किलोमीटर है और उत्तर कोरिया के पास रूस में बने विमान पुराने पड़ चुके हैं, जो एक बार में तीन हजार किलोमीटर से ज्यादा दूरी तय नहीं कर सकते। हो सकता है उनका विमान पहले चीन जाए और वहां से सिंगापुर आए।

इस बीच, सीएनएन ने खबर दी है कि यदि पहले दिन बातचीत अच्छे माहौल में हुई तो ट्रंप और किम की शिखर वार्ता अगले दिन भी चल सकती है। दोनों नेताओं की मुलाकात 12 जून को होनी है। यह दोनों नेताओं के बीच पहली बैठक होगी। इसके अगले दिन ट्रंप स्वदेश लौट आएंगे। लेकिन, सिंगापुर में मौजूद अमेरिकी अधिकारी दूसरे दिन की वार्ता की योजना तैयार करने में लगे हुए हैं।

वॉल स्ट्रीट जर्नल के अनुसार, तेल अवीव विनिवेश सम्मेलन को संबोधित करते हुए गिलियानी ने कहा कि उत्तर कोरियाई राष्ट्रपति कह रहे थे कि वे हमसे परमाणु युद्ध लड़ने जा रहे हैं। वे कह रहे थे कि परमाणु युद्ध में वे अमेरिका को हरा देंगे। लेकिन, हकीकत यह है कि उन्होंने घुटने टेककर हमसे वार्ता की भीख मांगी है। हम तो इन परिस्थितियों में उनसे बातचीत के लिए तैयार ही नहीं थे।

गिलियानी के मुताबिक, अब चूंकि शिखर वार्ता के लिए फिर से कार्यक्रम निर्धारित किया जा रहा है, तो अमेरिका का हाथ इसमें ऊपर रहेगा। ट्रंप-किम शिखर सम्मेलन की तैयारियों के लिए सिंगापुर के विदेश मंत्री गुरुवार को दो दिनों की यात्रा पर प्योंगयांग जा रहे हैं।

बता दें कि सिंगापुर में सेंटोसा के रिसॉर्ट आइलैंड पर कैपेला होटल में अगले हफ्ते राष्‍ट्रपति डोनाल्‍ड ट्रंप व उत्‍तर कोरिया के किम जोंग उन की मुलाकात होगी। व्हाइट हाउस के अनुसार, ट्रंप व किम की मुलाकात 12 जून को सुबह नौ बजे तय है। बताया जा रहा है कि ट्रंप और किम की सुरक्षा के लिए सिंगापुर पुलिस के साथ-साथ गोरखा टुकड़ी भी तैनात की जाएगी।


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