जम्मू-कश्मीर के इस नेता ने कहा, स्वार्थी लोगों कर रहे थे अनुच्छेद 370 का अपने लिए उपयोग
जम्मू कश्मीर नेशनल अवामी पार्टी के अध्यक्ष सज्जाद राजा ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर के मामलों को निहित स्वार्थ वाले लोगों द्वारा नियंत्रित किया गया था।
जेनेवा, एएनआइ। जम्मू कश्मीर नेशनल अवामी पार्टी के अध्यक्ष सज्जाद राजा ने कहा है कि अनुच्छेद 370 के कारण जम्मू-कश्मीर के मामलों को निहित स्वार्थ वाले लोगों द्वारा नियंत्रित किया गया था। अनुच्छेद 370 के निरस्तीकरण से जम्मू-कश्मीर के लोगों और उसके रवैये से फायदा होगा, जो जमीनी स्तर पर दिखाई देगा।
Sajjad Raja, President of J-K National Awami Party, United Kingdom, in Geneva: Because of Article 370, affairs of J-K were confined&controlled by ppl with vested interests. Abrogation of Art 370 will curb that kind of attitude&benefit ppl of J-K which will reflect on the ground. pic.twitter.com/LINpssfXtN
— ANI (@ANI) March 2, 2020
केंद्र के 37 कानून जम्मू-कश्मीर में लागू हुए
केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर में लागू हुए 37 केंद्रीय कानूनों की सूची जारी हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पिछले दिनों हुई कैबिनेट की बैठक में यह फैसला लिया गया था। केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद भी अभी तक जम्मू-कश्मीर में जो 37 केंद्रीय कानून लागू नहीं थे, वह अब लागू हो गए हैं।
जम्मू-कश्मीर में होगा बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार सृजन
पिछले दिनों कश्मीरी पंडितों के प्रतिनिधिमंडल को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बताया था कि सरकार किस तरह कश्मीर में बड़े पैमाने पर निवेश और रोजगार सृजन का प्रयास कर रही है। अनुच्छेद 370 और 35ए के निरस्त होने के बाद राज्य की जनता को कई केंद्रीय योजनाओं का लाभ मिलना शुरू हो गया है। इसके साथ ही सरकार जम्मू-कश्मीर में निजी निवेश को बढ़ावा देने के लिए अप्रैल महीने में बड़ा आयोजन करने जा रही है, जिसमें देश-विदेश की कई बड़ी कंपनियों के भाग लेने की उम्मीद है।
5 अगस्त, 2019 को संसद में पारित किया गया था कानून
ज्ञात रहे कि संसद में पारित कर पिछले साल पांच अगस्त को जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाया गया था। साथ ही इस राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित किया गया था। इसमें जम्मू और कश्मीर विधानसभा के साथ था और लद्दाख बिना विधानसभा के केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया था। इसके चार दिन बाद 9 अगस्त, 2019 को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इसे मंजूरी देकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के विभाजन को मूर्त रूप दे दिया था।