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Jaishankar in Russia: जयशंकर ने उज्बेक व कजाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से की मुलाकात, संबंध मजबूत करने पर बनी सहमति

मॉस्को में शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की विदेश मंत्रियों के बैठक के लिए विदेश मंत्री जयशंकर रूस की चार दिवसीय यात्रा पर हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Thu, 10 Sep 2020 03:56 PM (IST)Updated: Thu, 10 Sep 2020 03:56 PM (IST)
Jaishankar in Russia: जयशंकर ने उज्बेक व कजाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से की मुलाकात, संबंध मजबूत करने पर बनी सहमति
Jaishankar in Russia: जयशंकर ने उज्बेक व कजाकिस्तान के विदेश मंत्रियों से की मुलाकात, संबंध मजबूत करने पर बनी सहमति

मास्को, प्रेट्र। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को उज्बेकिस्तान व कजाकिस्तान के अपने समकक्षों से मुलाकात की। जयशंकर रूस की चार दिवसीय यात्रा पर हैं। वे वहां शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) की विदेश मंत्रियों के बैठक में शामिल होने के उद्देश्य से गए हैं।  गुरुवार सुबह उन्होंने उज्बेकिस्तान के विदेश मंत्री अब्दुलअजीज कामिलोव से मुलाकात की। 

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जयशंकर ने इस मुलाकात की जानकारी ट्वीट के जरिए दी। उन्होंने कहा, 'क्षेत्रीय मुद्दों पर सहयोग को लेकर दोनों में सहमति बनी है। विकास की बढ़ती साझेदारी को वे आगे ले जाएंगे।'

उन्होंने कहा कि  हमारे सेंट्रल एशियाई गतिविधियों में उज्बेकिस्तान की सक्रिय भूमिका की सराहना करते हैं। 

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बुधवार को किर्गिस्तान के अपने समकक्षों के साथ भी मुलाकात की। उन्होंने द्विपक्षीय संबंधों एवं दोनों मध्य एशियाई देशों के साथ भारत की रणनीतिक साझेदारी और अधिक मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की। विदेश मंत्री ने मुलाकात को सार्थक बताते हुए ट्वीट किया, 'किर्गिस्तान के विदेश मंत्री चिंगीज ऐदरबेकोव के साथ एससीओ से अलग एक सार्थक बैठक हुई।’

उज्बेकिस्तान और भारत के संबंधों की जड़ें इतिहास में काफी गहरी हैं। संस्कृत और पाली साहित्यों में कंबोज का उल्लेख अनेकों बार किया गया है। ताशकंद में भारतीय दूतावास के अनुसार,  कंबोज अब उज्बेकिस्तान का हिस्सा है।  महाभारत में भी जिन व्यापारिक मार्गों का जिक्र है वह उज्बेकिस्तान के जरिए ही जाती है। सोवियत काल के दौरान भारत और उज्बेकिस्तान के बीच काफी नजदीकी संबंध रहे हैं। भारतीय नेताओं का हमेशा ताशकंद व अन्य जगहों का दौरा होता रहा है। प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का निधन 11 जनवरी 1966 को ताशकंद में हुआ था। इसके बाद उन्होंने कजाकिस्तान के विदेश मंत्री मुख्तार तिलेउबर्दी (Mukhtar Tileuberdi) से मुलाकात की। कजाकिस्तान के साथ भी भारत के ऐतिहासिक संबंध हैं। 1991 के दिसंबर में स्वतंत्र हुए कजाकिस्तान को आजादी दिलाने वाले देशों में से एक भारत भी है।


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