भारत और बांग्लादेश नदियों के जल प्रबंधन पर बढ़ाएंगे सहयोग, दोनों देशों में कई मुद्दों पर बनी सहमति
भारत और बांग्लादेश नदियों के जल के बंटवारे की रूपरेखा बनाने के साथ ही नदियों में प्रदूषण खत्म करने नदियों के जल के संरक्षण और बाढ़ प्रबंधन समेत जल संसाधन से जुड़े विभिन्न मसलों पर सहयोग बढ़ाने के लिए राजी हो गए हैं।
नई दिल्ली, पीटीआइ। भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते दिनोंदिन मजबूत होते जा रहे हैं। समाचार एजेंसी पीटीआइ की रिपोर्ट के मुताबिक भारत और बांग्लादेश नदियों के जल के बंटवारे की रूपरेखा बनाने के साथ ही नदियों में प्रदूषण खत्म करने, नदियों के जल के संरक्षण और बाढ़ प्रबंधन समेत जल संसाधन से जुड़े विभिन्न मसलों पर सहयोग बढ़ाने के लिए राजी हो गए हैं। एक आधिकारिक बयान में बुधवार को बताया गया कि भारत-बांग्लादेश के जल संसाधन सचिव स्तर की बैठक मंगलवार 16 मार्च को यह सहमति बनी।
उल्लेखनीय है कि भारत और बांग्लादेश 54 नदियों का पानी आपस में साझा करते हैं। ये नदियां दोनों देशों के लोगों की रोजीरोटी पर सीधे असर डालती हैं। आधिकारिक बयान में कहा गया है कि दोनों ही देश नदियों के जल के बंटवारे की रूपरेखा, प्रदूषण खत्म करने, नदियों के जल के संरक्षण, बाढ़ प्रबंधन, नदी घाटी प्रबंधन समेत जल संसाधन से जुड़े विभिन्न मसलों पर सहयोग बढ़ाने के लिए राजी हो गए हैं।
मालूम हो कि मंगलवार को भारत-बांग्लादेश के जल संसाधन सचिव स्तर की बैठक हुई। इसमें भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व पंकज कुमार, सचिव (जल संसाधन, नदी विकास एवं गंगा पुनर्रुद्धार) ने किया जबकि बांग्लादेश के प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व जल संसाधन मंत्रालय के वरिष्ठ सचिव कबीर बिन अनवर ने किया। बैठक में दोनों देशों ने इस मामले में अपने बीच करीबी सहयोग की सराहना की। दोनों देश अगली सचिव स्तर की बैठक ढाका में करने पर भी राजी हो गए।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अगले हफ्ते ढाका जा रहे हैं। वह बांग्लादेश की आजादी की स्वर्ण जयंती और संस्थापक शेख मुजीबुर रहमान की जन्मशती के मौके पर होने वाले कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे। समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक इस दौरान दोनों देशों के बीच तीन समझौतों पर हस्ताक्षर हो सकते हैं। प्रधानमंत्री मोदी 26 मार्च को ढाका पहुंचेंगे और अगले ही दिन स्वदेश लौट आएंगे।