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पाकिस्तान के पूर्व पीएम अब्बासी को झटका, नहीं लड़ पाएंगे चुनाव

इस्लामाबाद से अब्बासी का पर्चा खारिज होने के एक दिन बाद उन पर यह रोक लगाई गई है।

By Manish NegiEdited By: Published: Wed, 27 Jun 2018 09:32 PM (IST)Updated: Wed, 27 Jun 2018 09:32 PM (IST)
पाकिस्तान के पूर्व पीएम अब्बासी को झटका, नहीं लड़ पाएंगे चुनाव

इस्लामाबाद, प्रेट्र। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री शाहिद खाकन अब्बासी के चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी गई है। बुधवार को चुनाव न्यायाधिकरण ने उनको रावलपिंडी से भी चुनाव लड़ने से रोक दिया। इस्लामाबाद से अब्बासी का पर्चा खारिज होने के एक दिन बाद उन पर यह रोक लगाई गई है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के आदेश से पूर्व सैन्य शासक परवेज मुशर्रफ का नामांकन खारिज किया जा चुका है।

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पाकिस्तान मुस्लिम लीग (नवाज) के नेता अब्बासी ने 25 जुलाई को होने वाले चुनाव के लिए इस्लामाबाद और रावलपिंडी से पर्चा भरा था। शुरू में निर्वाचन अधिकारियों ने इस्लामाबाद से उनका नामांकन खारिज कर दिया, लेकिन रावलपिंडी से पर्चा मंजूर कर लिया। अब्बासी ने राजधानी से अपना नामांकन खारिज किए जाने के खिलाफ इस्लामाबाद हाई कोर्ट के विशेष चुनाव न्यायाधिकरण का दरवाजा खटखटाया। इस बीच, रावलपिंडी से उनके खिलाफ मैदान में उतरने वाले मसूद अब्बासी ने दूसरे ट्रिब्यूनल के सामने उनकी उम्मीदवारी को चुनौती दे दी। मसूद ने पूर्व प्रधानमंत्री पर नामांकन पत्र में छेड़छाड़ करने और इस्लामाबाद के निकट अवैध रूप से वनभूमि पर कब्जा करने का आरोप लगाया।

मसूद की याचिका पर सुनवाई करते हुए जस्टिस रहमान लोधी ने अब्बासी के खिलाफ कुछ आपत्तियों को सही माना और रावलपिंडी से भी उनका नामांकन खारिज कर दिया। भ्रष्टाचार के एक मामले में नवाज शरीफ को अयोग्य ठहराए जाने के बाद अब्बासी को पाकिस्तान का प्रधानमंत्री बनाया गया था। इस बीच, एक अन्य न्यायाधिकरण ने इस्लामाबाद से पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के प्रमुख इमरान खान का नामांकन स्वीकार कर लिया है। इससे पहले निर्वाचन अधिकारी ने उनका नामांकन खारिज कर दिया था, जिसके खिलाफ वे ट्रिब्यूनल गए थे।

अभूतपूर्व सुरक्षा में होंगे चुनाव
पाकिस्तान में इस बार संसदीय चुनाव के लिए सुरक्षा के अभूतपूर्व इंतजाम किए जा रहे हैं। निर्वाचन आयोग ने इस बार आम चुनाव के दिन मतदान केंद्रों के अंदर और बाहर सैनिकों को तैनात करने का एलान किया है। इससे पहले आम तौर पर अतिसंवेदनशील मतदान केंद्रों के बाहर सैनिकों को तैनात किया जाता है। लेकिन, इस चुनाव में पहली बार सैनिकों को मतदान केंद्रों के भीतर भी तैनात किया जाएगा। निर्वाचन आयोग ने इसके लिए रक्षा मंत्रालय को पत्र लिखकर सैनिकों की तैनाती का अनुरोध किया है। आयोग ने कहा है कि 85,000 से अधिक मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए 3,50,000 सैनिकों की जरूरत पड़ेगी।


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