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पाकिस्‍तान में हर साल एक हजार लड़कियों का जबरन धर्मांतरण, भारत ने दिखाया आईना

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को यह याद दिलाया है कि मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में क्यों उसे बोलने का हक नहीं है। पाकिस्तान ने कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर भारत को घेरने की कोशिश की थी।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Wed, 23 Jun 2021 07:34 PM (IST)Updated: Wed, 23 Jun 2021 11:47 PM (IST)
पाकिस्‍तान में हर साल एक हजार लड़कियों का जबरन धर्मांतरण, भारत ने दिखाया आईना
यूएनएचआरसी में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को आईना दिखाया है।

नई दिल्ली, जेएनएन। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी) में भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को यह याद दिलाया है कि मानवाधिकार उल्लंघन के मामले में क्यों उसे बोलने का हक नहीं है। मानवाधिकार उच्चायोग की तरफ से जारी सालाना रिपोर्ट पर बहस में हाल ही में पाकिस्तान ने कश्मीर में मानवाधिकार की स्थिति पर भारत को घेरने की कोशिश की थी।

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ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा पाक

इसके जवाब में भारत ने पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे दु‌र्व्यवहार, राजनीतिक बंदियों के साथ हो रहे व्यवहार और पत्रकारों को डराने-धमकाने व उन पर हो रहे मामलों की याद दिलाई है। भारतीय प्रतिनिधि ने अपने भाषण में कहा कि भारत से जुड़े मामले उठा कर पाकिस्तान सिर्फ अपने अंदरूनी मानवाधिकार हालात से विश्व बिरादरी का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहा है।

लगातार घट रही अल्पसंख्यकों की संख्या

भारत ने कहा है कि पाकिस्तान में मानवाधिकार की स्थिति इस बात से समझी जा सकती है कि वहां अल्पसंख्यकों की संख्या लगातार घटती जा रही है। वहां रोजाना ही दूसरे संप्रदाय के लोगों का जबरन धर्मातरण हो रहा है। हम वहां प्रकाशित होने वाली रिपोर्टें नियमित देख रहे हैं। वहां स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों को जबरन अगवा किया जाता है, उनके साथ दुष्कर्म होता है।

कम उम्र में करा दी जाती है शादी 

बाद में उनका धर्मातरण कर कम उम्र में शादी करा दी जाती है। हर वर्ष पाकिस्तान में दूसरे धर्म की कम से कम एक हजार लड़कियों का धर्मातरण हो रहा है। भारत ने आगे कहा है कि वहां ईसाई, अहमदिया, हिंदू, सिख अल्पसंख्यकों के धर्मातरण करने का पूरा सुनियोजित षडयंत्र चल रहा है। वहां गैर मुस्लिमों को बेहद कठोर ईशनिंदा कानून का शिकार बनाया जाता है।

गायब किये गये लोगों के मामले उठाए 

उनकी हत्या करना पाकिस्तान में एक सामान्य घटना हो गई है। भारत ने पाकिस्तान में सरकारी एजेंसियों के तरफ से गायब किये गये लोगों के मामले भी उठाए। अभी यह मामला पाकिस्तान में अंदरूनी तौर पर भी काफी तूल पकड़ रहा है। पूरे बलूचिस्तान इलाके में पाक सेना की तरफ से गायब किये गये लोगों के खिलाफ आंदोलन चल रहा है।

गैर कानूनी तरीके से कैद किए जा रहे लोग

भारत ने इस मामले को सामने लाते हुए कहा है कि पाकिस्तान में राजनीतिक लोगों, छात्रों, पत्रकारों, मानवाधिकार वकीलों को गैर कानूनी तरीके से बंदी बनाने का काम तेजी से बढ़ा है। पत्रकारों के लिए पाकिस्तान दुनिया में सबसे खतरनाक देश है।

आतंकवाद बड़ी वजह 

अंत में भारत ने आतंकवाद को मानवाधिकार उल्लंघन का सबसे बडा कारण बताते हुए कहा है कि पाकिस्तान अभी भी आतंकवाद को एक सरकारी नीति के तौर पर बढ़ावा दे रहा है। वह अभी भी दुनिया के खूंखार आतंकियों को पेंशन देने का काम करता है और उन्हें अपने यहां शरण देता है। यह सही समय है कि पाकिस्तान को आतंकी वारदातों में मदद पहुंचाने के लिए दोषी ठहराया जाए। 


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