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किरगिस्तान के विदेश मंत्री से मिलीं सुषमा, सहयोग बढ़ाने पर चर्चा

संसाधन संपन्न देशों के साथ रणनीतिक साझेदारी को बढ़ावा देने के भारत के प्रयासों के तहत सुषमा स्वराज तीन मध्य एशियाई देशों के दौरे पर हैं।

By Monika MinalEdited By: Published: Sat, 04 Aug 2018 11:21 AM (IST)Updated: Sat, 04 Aug 2018 05:55 PM (IST)
किरगिस्तान के विदेश मंत्री से मिलीं  सुषमा, सहयोग बढ़ाने पर चर्चा
किरगिस्तान के विदेश मंत्री से मिलीं सुषमा, सहयोग बढ़ाने पर चर्चा

बिश्केक, प्रेट्र/आइएएनएस। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को किरगिस्तान के अपने समकक्ष इरलान अब्दिलदेव से मुलाकात की और द्विपक्षीय सहयोग और बढ़ाने के उपायों पर चर्चा की। इस दौरान कारोबार, साझा फिल्म निर्माण, ऊर्जा, मानव संसाधन, पर्यटन, रक्षा और सुरक्षा समेत कई क्षेत्रों में संबंध प्रगाढ़ करने पर सहमति बनी। स्वराज शुक्रवार को कजाखिस्तान की अपनी यात्रा के बाद दो दिन के दौरे पर पूर्वी किरगिस्तान के इस्सयक कुल पहुंचीं।

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विदेश मंत्री अब्दिलदेव ने उनका स्वागत किया था। यहां आने के कुछ देर बाद ही उन्होंने राष्ट्रपति सूरोनबे जीनबेकोव से मुलाकात की और सभी क्षेत्रों में संबंधों को मजबूत करने पर सहमति जताई। सुषमा ने किरगिस्तान को शंघाई सहयोग संगठन का अध्यक्ष बनने पर भी बधाई दी। सुषमा मध्य एशियाई देशों के साथ साझेदारी मजबूत बनाने के प्रयासों के तहत तीन देशों की यात्रा पर हैं। किरगिस्तान के बाद उनका अगला पड़ाव उजबेकिस्तान है।

सुषमा और अब्दिलदेव की बैठक के बाद विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया कि दोनों देशों के बीच संबंधों को और आगे ले जाने की विस्तृत संभावनाओं का पता लगाया जाएगा। इस बैठक से पहले उन्होंने ट्वीट किया कि आपसी संबंधों को नई ऊंचाई की तरफ ले जाने की तैयारी। सुषमा और अब्दिलदेव निर्धारित प्रारूप से बाहर जाकर वार्ता को तैयार।

उल्लेखनीय है कि दोनों विदेश मंत्री इससे पहले भी कई मौके पर बातचीत कर चुके हैं। इनमें न्यूयार्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा की बैठक से इतर हुई मुलाकात भी शामिल है। भारत और किरगिस्तान के बीच राजनीतिक, संसदीय रक्षा, विज्ञान, तकनीक और स्वास्थ्य समेत बहुआयामी संबंध हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी जुलाई 2015 में वहां की यात्रा कर चुके हैं। इसके बाद दिसंबर 2014 में किरगिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति अल्माजबेक आतमबायेव भारत आए थे।


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