ट्रंप के साथ बैठक से पहले चिनफिंग से फिर मिले किम जोंग उन
चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने अपने फुटेज में चिनफिंग और किम को पश्चिमोत्तर शहर डालियान में समुद्र तट पर चहलकदमी करते हुए दिखाया।
बीजिंग, एएफपी/रायटर। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बहुप्रतीक्षित शिखर बैठक को लेकर उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन एक्शन में आ गए हैं। इस बैठक की तैयारियों के सिलसिले में वह अघोषित दौरे पर चीन पहुंचे और राष्ट्रपति शी चिनफिंग से मुलाकात की। किम की चिनफिंग से पिछले करीब डेढ़ माह में यह दूसरी मुलाकात है।
चीन के सरकारी प्रसारक सीसीटीवी ने अपने फुटेज में चिनफिंग और किम को पश्चिमोत्तर शहर डालियान में समुद्र तट पर चहलकदमी करते हुए दिखाया। इस दौरान दोनों नेता एक-दूसरे से बातचीत में मशगूल दिखे। सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, दोनों नेताओं की सोमवार और मंगलवार को वार्ता हुई। इस दौरान चिनफिंग ने कहा, 'मेरे और किम के बीच पहली मुलाकात के बाद चीन और उत्तर कोरिया के संबंधों और कोरियाई प्रायद्वीप के हालात में सकारात्मक प्रगति हुई है।' जबकि किम ने कहा, 'मेरे और चिनफिंग की ऐतिहासिक मुलाकात के बाद ये सकारात्मक नतीजे निकलकर सामने आए।'
इस साल मार्च में किम के चीन दौरे के बाद उत्तर कोरिया के रुख में सकारात्मक बदलाव आया है। उसने परमाणु निरस्त्रीकरण का वादा किया है। किम की 27 अप्रैल को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन से ऐतिहासिक शिखर वार्ता हुई थी। मून भी इस महीने की 22 तारीख को ट्रंप से मिलने वाले हैं।
चीनी राष्ट्रपति से बात करेंगे ट्रंप
किम और चिनफिंग की मुलाकात की खबर सार्वजनिक होने के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने ट्वीट कर कहा कि वह उत्तर कोरिया के बारे में अपने दोस्त चिनफिंग से बात करेंगे।
इस बार विमान से पहुंचे किम
जापानी और दक्षिण कोरियाई मीडिया में एक विमान की कुछ तस्वीरें आई हैं। उत्तर कोरिया इस विमान का इस्तेमाल आमतौर पर वीआइपी उड़ानों में करता है।
विशेष ट्रेन से किया था पिछला दौरा
किम ने चीन का पिछला दौरा हरे रंग की विशेष ट्रेन से किया था। वह 26 मार्च को चीन की राजधानी पहुंचे थे। 2011 में सत्ता संभालने के बाद यह उनकी पहली विदेश यात्रा थी।
उत्तर कोरिया ने नए हवाई मार्ग का दिया प्रस्ताव
दक्षिण कोरिया ने मंगलवार को कहा कि उत्तर कोरिया ने एक नए हवाई मार्ग का प्रस्ताव दिया है। यह मार्ग दोनों देशों से होकर जाएगा। इस प्रस्ताव को दोनों देशों के रिश्तों में आए सुधार के तौर पर देखा जा रहा है।