भाजपा के ताइवान 'प्रेम' से तिलमिलाया ड्रैगन, चीन के विदेश मंत्रालय ने कही यह बात
ताइवान सरकार को समर्थन देने से तिलमिलाए चीन के विदेश मंत्रालय ने भारत को इस तरह के कृत्यों से बचने को कहा है।
नई दिल्ली आइएएनएस। सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा ताइवान की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गई सरकार को समर्थन देने से तिलमिलाए चीनी कम्युनिस्ट पार्टी (सीसीपी) के शासन ने भारत को इस तरह के कृत्यों से बचने को कहा है। भाजपा के दो सांसदों, मीनाक्षी लेखी और राहुल कसवान ने ताइवान की नव निर्वाचित राष्ट्रपति त्साई इंग-वेन के शपथ ग्रहण समारोह में वर्चुअली भाग लिया और उन्हें बधाई दी। त्साई को अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ दिलाई गई थी।
वर्चुअल रूप से शपथ ग्रहण समरोह में हुए थे शामिल
इस कार्यक्रम में लेखी, कासवान और अमेरिकी विदेश माइक पोंपियो समेत 41 देशों के 92 प्रतिनिधि आमंत्रित थे। लेकिन लॉकडाउन के कारण अंतरराष्ट्रीय उड़ानों पर प्रतिबंध के कारण ये लोग कार्यक्रम में वर्चुअल रूप (वीडियो कांफ्रेंस) से शामिल हुए। चूंकि इस कार्यक्रम में भारत सरकार सीधे शामिल नहीं हो सकती थी इसलिए इन दोनों सांसदों ने सत्तारूढ़ दल भाजपा के प्रतिनिधि के रूप में शिरकत की।
Frustration exhibited by CCP’s propaganda tool, understandable! So far as replacing China is concerned, stop being paranoid, we don’t need or intend to. India has its own place in global history,only reclaiming it.V don’t like bullying unlike past,deal with noncorrupt politicians https://t.co/zfu0SJU3Fv" rel="nofollow — Meenakashi Lekhi (@M_Lekhi) May 20, 2020
ताइवान की राष्ट्रपति को बधाई देने पर कड़ी आपत्ति जताई
इन दो सांसदों के कार्यक्रम में भाग लेने से बौखलाए चीन ने फौरन अपना विरोध जता दिया। चीन के विदेश मंत्रालय ने किसी का नाम लिए बिना आशा व्यक्त की हर कोई ताइवान की स्वतंत्रता के लिए अलगाववादी गतिविधियों का विरोध करे और चीन के लोगों का समर्थन करे।
मीनाक्षी लेखी और राहुल कसवान से लिखित रूप से आपत्ति जताई
उधर, नई दिल्ली चीनी दूतावास के एक ल्यू बिंग ने समारोह में भारत की भागीदारी के खिलाफ लेखी और कासवान से लिखित रूप से आपत्ति जताई है। ल्यू बिंग ने मीडिया के साथ साथ पत्र की एक प्रति साझा भी की है। ल्यू ने अपनी शिकायत में, त्साई को लेखी और कासवान के बधाई संदेश देने की बात को पूरी तरह से गलत बताते इसमें सुधार करने को कहा है। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र चार्टर के एक-चीन के सिद्धांत से अवगत कराते हुए कहा कि भारत सरकार ने एक-चीन सिद्धांत का पालन करने का वादा किया है।
क्षेत्र की शांति और समृद्धि के लिए खतरा बताया
दोनों देशों के बीच सत्तर साल पहले स्थापित द्विपक्षीय संबंधों की दुहाई देते हुए ल्यू ने कहा कि राष्ट्रपति त्साई को बधाई संदेश देने जैसे गलत संकेत से अलगाववादियों को प्रोत्साहन मिलेगा, जो अंतत: क्षेत्र की शांति और समृद्धि के लिए खतरा पैदा करेगा। उन्होंने भाजपा सांसदों से इस तरह के कृत्य से बचने और बदले में चीन के एकीकरण के लिए कुछ अच्छा करने को कहा।
ल्यू ने अपने पत्र में त्सई को चीन के ताइवान प्रांत के स्थानीय नेता के रूप में निर्वाचित होना बताया है। उल्लेखनीय है ताइवान ने अपने को स्वतंत्र देश घोषित कर रखा है, जबकि चीन उस पर अपना दावा करता है। चीन उन देशों के साथ राजनयिक संबंध नहीं रखता है, जो ताइवान को एक स्वतंत्र देश के रूप में मान्यता देते हैं।