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अमेरिकी संसद के निचले सदन की होड़ में भारतवंशी अरुणा मिलर

भारतीय अमेरिकी सिविल इंजीनियर अरुणा मिलर मैरीलैंड सीट से अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव का सदस्य बनने की होड़ में शामिल हैं।

By Vikas JangraEdited By: Published: Mon, 25 Jun 2018 05:16 PM (IST)Updated: Mon, 25 Jun 2018 10:06 PM (IST)
अमेरिकी संसद के निचले सदन की होड़ में भारतवंशी अरुणा मिलर
अमेरिकी संसद के निचले सदन की होड़ में भारतवंशी अरुणा मिलर

वाशिंगटन [प्रेट्र]। भारतीय अमेरिकी सिविल इंजीनियर अरुणा मिलर मैरीलैंड सीट से अमेरिकी संसद के निचले सदन हाउस ऑफ रिप्रजेंटेटिव का सदस्य बनने की होड़ में शामिल हैं। चुनाव जीतने पर वह सदन में प्रवेश करने वाली दूसरी भारतवंशी महिला होंगी। प्रमिला जयपाल निचले सदन की सदस्य बनने वाली पहली भारतवंशी महिला हैं।

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हैदराबाद में जन्मीं मिलर 1972 में सात साल की उम्र में अमेरिका आई थीं। मैरीलैंड से डेमोक्रेटिक पार्टी की उम्मीदवारी हासिल करने के लिए मिलर (53) का मुकाबला पहले अपनी पार्टी के डेविड ट्रोन से होगा।

26 जून को होने वाले इस चुनाव में जीतने वाले का सदन में प्रवेश तय माना जा रहा है क्योंकि इस सीट पर डेमोक्रेटिक पार्टी की स्थिति काफी मजबूत है। मिलर को ट्रोन से कड़ी चुनौती मिल सकती है।

कारोबारी ट्रोन संसदीय चुनाव में सबसे ज्यादा रुपये खर्च करने वाले नेता बन गए हैं। चुनाव प्रचार में उन्होंने अपनी जेब से एक करोड़ डॉलर (करीब 68 करोड़ रुपये) खर्च किए हैं जबकि मिलर अपने समर्थकों से 13.6 लाख डॉलर (करीब नौ करोड़ रुपये) ही जुटा पाई हैं।

मिलर को हालांकि भारतीय-अमेरिकियों का समर्थन हासिल है जिससे चुनाव में उनकी जीत की उम्मीद बढ़ी है। भारत और अमेरिका के मजबूत संबंधों की पक्षधर मिलर मौजूदा अप्रवासी कानून में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं।


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