दीवार द्रविड़ की टेस्ट क्रिकेट में सात सुनहरी पारियां
टीम इंडिया की दीवार राहुल द्रविड़ ने होली के अगले दिन घरेलू व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। द्रविड़ ने अपने 16 साल के बेमिसाल करियर में कई यादगार पारियां खेली। द्रविड़ ने भी कल प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा भी था कि मैंने लंबा क्रिकेट खेला है और अनेकों बड़ी पारियां भी खेली। मेरे लिए यह बहुत मुश्किल है कि किस एक पारी को अपनी बेस्ट पारी करार दूं।
बेंगलूर। टीम इंडिया की दीवार राहुल द्रविड़ ने होली के अगले दिन घरेलू व अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास ले लिया। द्रविड़ ने अपने 16 साल के बेमिसाल करियर में कई यादगार पारियां खेली। द्रविड़ ने भी कल प्रेस कांफ्रेंस में एक सवाल के जवाब में कहा भी था कि मैंने लंबा क्रिकेट खेला है और अनेकों बड़ी पारियां भी खेली। मेरे लिए यह बहुत मुश्किल है कि किस एक पारी को अपनी बेस्ट पारी करार दूं।
प्रस्तुत है दुनिया में टेस्ट क्रिकेट में सर्वाधिक रन बनाने के मामले में दूसरे स्थान पर काबिज द्रविड़ की सात बेहतरीन पारियों का खाका:
*180 रन बनाम आस्ट्रेलिया, कोलकाता, 2001: द्रविड़ ने ईडेन गार्डस में वीवीएस लक्ष्मण के साथ मिलकर इतिहास की सर्वश्रेष्ठ साझेदारियों में से एक निभाते हुए भारत कीअविश्वसनीय जीत में अहम भूमिका निभाई। दोनों बल्लेबाजों ने पूरे दिन बल्लेबाजी करते हुए 376 रन की साझेदारी की।
*87 रन बनाम दक्षिण अफ्रीका, पोर्ट एलिजाबेथ, 2001: भारत को टेस्ट में हार टालने के लिए दूसरी पारी में 395 रन का लक्ष्य मिला। आखिरी दिन भारत 28/1 के स्कोर के साथ बल्लेबाजी करने उतरा। द्रविड़ ने दीप दासगुप्ता के साथ मिलकर 80 ओवर निकाले और मैच का ड्रा खत्म होना सुनिश्चित किया। दोनों ने 171 रन की साझेदारी की।
*144 रन [नाबाद] बनाम वेस्टइंडीज, जॉर्ज टाउन, 2002: पांचवें क्रम पर बल्लेबाजी करने उतरे द्रविड़ ने एक बार फिर संयमभरी पारी खेली और विदेशी सरजमीं पर पहले टेस्ट में टीम के हारने के सिलसिले को तोड़ा।
*148 रन बनाम इंग्लैंड, हेडिंग्ले, 2002: यह वह पारी थी जिसकी बदौलत भारत ने 16 सालों में पहली बार इंग्लैड को उसकी धरती पर हराया।
*233 और 72 रन [नाबाद] बनाम आस्ट्रेलिया, एडिलेड, 2003: इस टेस्ट मैच में उन्होंने दो पारियों में 835 मिनट बल्लेबाजी की और लंबे समय बाद भारत को आस्ट्रेलिया में टेस्ट जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
*270 रन बनाम पाकिस्तान, रावलपिंडी, 2004: क्रीज पर 12 घंटे से अधिक बिताते हुए द्रविड़ ने 270 रन की अपने करियर की सर्वश्रेष्ठ पारी खेली और भारत को पहली बार पाकिस्तान में टेस्ट सीरीज में जीत दिलाई।
*117 रन बनाम इंग्लैंड, नाटिंघम, 2011: द्रविड़ ने अपने करियर के अंतिम पड़ाव पर इंग्लैंड दौरे पर एक बार फिर अपने बल्ले का जलवा दिखाया। नंबर तीन पर बल्लेबाजी करने वाले द्रविड़ को गेंदबाजों के अनुकूल पिच पर पारी का आगाज करने के लिए भेजा गया। उछाल भरी पिच पर शुरुआत में उन्हें काफी परेशानी हुई। कई गेंद उनके शरीर पर लगी, लेकिन उन्होंने अपनी एकाग्रता बनाए रखी और शतकीय पारी खेली।
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