Move to Jagran APP

पत्थर जहां मन्नत मांगने से उतरता है ज्वर

ज्वर होने पर अक्सर लोग डाक्टर व हकीमों के पास जाकर मोटी रकम चुका कर उपचार करवाते हैं। मगर ऊधमपुर जिले के टिकरी इलाके में पड़ता लाड़ा लाड़ी दा टक्क नाम से प्रसिद्ध दरयाबड़ में एक ऐसा पत्थर है, जिसके चारों तरफ कच्चा धागा (सूत) बांधकर मन्नत मांगने से पुराने से पुराना बुखार ठीक हो जाता है। मान्यता है कि यह पत्थर एक दुल्हन की डोली है, जिसने अपने पति द्वारा एक ग्वाले से मजाक में लगाई शर्त को पूरा करने के लिए अपने प्राण त्यागकर डोली व दहेज सहित शिला रूप ले लिया था।

By Edited By: Published: Thu, 08 Dec 2011 06:43 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2011 06:43 PM (IST)
पत्थर जहां मन्नत मांगने से उतरता है ज्वर

ऊधमपुर, [अमित माही]। ज्वर होने पर अक्सर लोग डाक्टर व हकीमों के पास जाकर मोटी रकम चुका कर उपचार करवाते हैं। मगर ऊधमपुर जिले के टिकरी इलाके में पड़ता लाड़ा लाड़ी दा टक्क नाम से प्रसिद्ध दरयाबड़ में एक ऐसा पत्थर है, जिसके चारों तरफ कच्चा धागा (सूत) बांधकर मन्नत मांगने से पुराने से पुराना बुखार ठीक हो जाता है। मान्यता है कि यह पत्थर एक दुल्हन की डोली है, जिसने अपने पति द्वारा एक ग्वाले से मजाक में लगाई शर्त को पूरा करने के लिए अपने प्राण त्यागकर डोली व दहेज सहित शिला रूप ले लिया था।

loksabha election banner

टिकरी से दरयाबड़ करीब तीन किलोमीटर दूरी पर है। रास्ता टिकरी हायर सेकेंडरी स्कूल के साथ होकर गुजरता है, जो कच्चा है। वाहन से करीब आधे रास्ते तक पहुंचा जा सकता है। आगे का आधा रास्ता ऊबड़-खाबड़ व पहाड़ी होने के कारण पैदल ही तय करना पड़ता है। यहां की ऊंचाई से चारों तरफ मनोरम दृश्य नजर आते हैं। परंतु, इस जगह की सुंदरता इसकी विशेषता नहीं, बल्कि यहां पर शिला रूप में मौजूद दुल्हन की डोली इसे खास बनाती है। किंवदंती के मुताबिक एक बारात इस इलाके से गुजर रही थी। दुल्हन को तेज प्यास लगने पर उसने पानी मांगा। दरयाबड़ से पानी की बावली करीब पौने किलोमीटर दूर पहाड़ी के नीचे थी। थके हुए दूल्हे व बारातियों में वहां से पानी लाने की हिम्मत न थी। इसी दौरान दूल्हे की नजर वहां बकरियां चरा रहे एक ग्वाले पर पड़ी, जो चोरी-छुपे दुल्हन को देख रहा था। उसने ग्वाले को बेवकूफ बनाकर पानी मंगवाने के लिए उसे अपने पास बुलाया और कहा कि यदि वह एक ही सांस में नीचे से पानी लेकर ऊपर आयेगा तो दुल्हन उसकी हो जाएगी।

सीधा-साधा ग्वाला उसकी बातों में आ गया। दूल्हे ने पानी लाने के लिए ग्वाले को दहेज के सामान में से एक गड़वा निकाल कर दिया। तय शर्त के मुताबिक ग्वाला एक ही सांस में पानी लेकर ऊपर तो पहुंच गया, लेकिन पानी का गड़वा दूल्हे को सौंपते ही उसके प्राण निकल गए।

दुल्हन को पानी पिलाने के बाद जब बारात चलने लगी, तो पति ने सारी बात अपनी पत्‍‌नी को बताई। जिसके मुताबिक अब वह ग्वाले की पत्‍‌नी बन चुकी है। इसके बाद दुल्हन ने अपने प्राण त्याग दिए। उसके सती होते ही दुल्हन, ग्वाला व डोली शिला में तबदील हो गए। साथ ही दुल्हन का सारा दहेज भी पत्थर में बदल गया। इस घटना के बाद से ही दरायबड़ का नाम लाड़ा लाड़ी दा टक्क (दूल्हा-दुल्हन का टीला) पड़ा। यहां पर डोली जैसा एक पत्थर है, जिसके ऊपर लंबा गोल पत्थर है। इसे स्थानीय लोग दुल्हन बताते हैं। इसके चारों तरफ अक्सर सफेद रंग का सूत बंधा नजर आ जाता है। जो बुखार ठीक होने के लिए मांगी गई मन्नत की निशानी है। दरयाबड़ निवासी बुजुर्ग द्वारका नाथ व रूप सिंह, टिकरी ग्रामीण विकास कमेटी के चेयरमैन शिव कुमार तथा नजदीक के गांव खील झिलमाड़ा निवासी तारा सिंह, प्रीतम सिंह ने बताया कि इस जगह पर सती हुई दुल्हन का वास माना जाता है। वैसे तो यहां पर मांगी गई हर मन्नत पूरी हो जाती है, लेकिन बुखार के मामले में यह जगह सबकी आजमाई हुई है। इसके लिए सूत का धागा लेकर पहले एक सिरे से बुखार पीडि़त व्यक्ति के पांव से शरीर तक का नाप लिया जाता है। फिर नाप वाले सिले से डोली के चारों तरफ सूत लपेट कर मन्नत मांगी जाती है। धागा बांधने के अगले दो दिन के भीतर बुखार पीडि़त ठीक हो जाता है। उन्होंने बताया कि इलाके में जब किसी का बुखार लंबे समय तक नहीं टूटता तो वह ऐसा ही करते हैं। इस जगह पर किसी तरह का अपवित्र काम करने वाले को दु:ख और परेशानियां झेलनी पड़ती है। दुल्हन का पत्थर रूपी दहेज बिना किसी चीज से जोड़े पत्थरों को एक दूसरे पर टिका कर टीला सा बना है। स्थानीय लोग इसके आज तक कभी न गिरने का दावा भी करते हैं।

उन्होंने बताया कि बलवंत ठाकुर द्वारा निर्देशित राज्य, देश व विदेश में धूम मचाने वाला घुमाई नाटक इसी घटना पर आधारित है।

मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.