रोहित पर बाहर होने का संकट मंडराया
त्रिकोणीय वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में नाकाम रहे मध्यक्रम के प्रतिभाशाली बल्लेबाज रोहित शर्मा टीम से बाहर होने की कगार पर पहुंच गए हैं। उनके अपने साथी खिलाड़ी उन्हें इस तरह के संकेत दे रहे हैं। पूरी टेस्ट सीरीज में बेंच पर रहे रोहित वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में नाकाम रहे।
एडीलेड। त्रिकोणीय वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में नाकाम रहे मध्यक्रम के प्रतिभाशाली बल्लेबाज रोहित शर्मा टीम से बाहर होने की कगार पर पहुंच गए हैं। उनके अपने साथी खिलाड़ी उन्हें इस तरह के संकेत दे रहे हैं। पूरी टेस्ट सीरीज में बेंच पर रहे रोहित वनडे सीरीज के पहले दो मैचों में नाकाम रहे।
इसके अलावा उन्हें यह जताया जा रहा है कि वह तीन सीनियर सलामी बल्लेबाजों सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग और गौतम गंभीर की एवज में टीम में हैं। श्रीलंका पर कल चार विकेट से जीत दर्ज करने के बाद भारतीय कप्तान महेंद्र सिंह धौनी ने कहा कि रोहित की वजह से तीन सीनियर बल्लेबाजों को रोटेट किया जा रहा है। धौनी ने कहा था, एडीलेड में भी हम रोटेशन अपनाएंगे। मैं चाहता हूं कि रोहित ज्यादा से ज्यादा मैच खेले। उसे जमने का मौका मिल सके। टूर्नामेंट के पहले चरण में हम उसे मौके दे सकते हैं। यह बयान काबिले तारीफ है लेकिन रोहित को बलि का कबरा नहीं बनाया जाना चाहिए क्योंकि दूसरे युवा सुरेश रैना भी पहले दो वनडे में कोई कमाल नहीं कर सके। मध्यक्रम के तीन युवा बल्लेबाजों में से सिर्फ विराट कोहली ही चल सके हैं। रैना ने विश्व कप के बाद से 22 मैचों में सिर्फ दो अर्धशतक जमाए हैं जबकि रोहित ने 13 मैचों में छह अर्धशतक लगाए हैं। विश्व कप के बाद से रैना का सर्वश्रेष्ठ औसत 44 रहा है जबकि रोहित ने विश्व कप के बाद दो सीरीजों में 128 और 78 की औसत से रन बनाए हैं।
मध्यक्रम में एक युवा बल्लेबाज को जगह देने के लिए सीनियर खिलाडि़यों को रोटेट करने का विचार अच्छा है लेकिन रोहित को इसका कारण बताना गलत है। रोटेशन के कारण के बारे में पूछे जाने पर दो-टूक बोलने वाले वीरेंद्र सहवाग ने भी किसी का नाम नहीं लिया था। उन्होंने इतना कहा था कि युवाओं को आस्ट्रेलियाई हालात का अनुभव दिलाने के लिए ऐसा किया जा रहा है।
मोबाइल पर ताजा खबरें, फोटो, वीडियो व लाइव स्कोर देखने के लिए जाएं m.jagran.com पर