काश मेरी बात पहले मान ली होती
युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह के मुताबिक उनकी बेटे के उपचार में थोड़ी देरी हुई और बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने दो साल पहले जांच करवाने की उनकी सलाह को गंभीरता से नहीं लिया था।
चंडीगढ़। युवराज सिंह के पिता योगराज सिंह के मुताबिक उनकी बेटे के उपचार में थोड़ी देरी हुई और बाएं हाथ के इस बल्लेबाज ने दो साल पहले जांच करवाने की उनकी सलाह को गंभीरता से नहीं लिया था।
योगराज ने उस समय को याद किया जबकि उनके बेटे की बीमारी के शुरुआती लक्षणों को गंभीरता से नहीं लिया गया। योगराज ने कहा, मैं किसी पर दोष नहीं मढ़ना चाहता। लेकिन मुझे लगता है कि आज चीजें कुछ अलग होती। आपको याद होगा कि दो साल पहले युवी जब मोहाली में टवंटी20 मैच खेल रहा था तथा उन्होंने मैच विजेता पारी खेली। तब छक्का जड़ने के बाद वह सुरेश रैना की तरफ दौड़ा और बुरी तरह खांसने लगा। योगराज उस घटना को याद करते हुए अपने आंसू नहीं रोक पा रहा थे। योगराज ने कहा कि तब उन्होंने युवराज को पूरी चिकित्सकीय जांच की सलाह दी लेकिन युवी ने उनकी एक नहीं सुनी और कहा कि वह बच्चा नहीं है तथा वह पूरी तरह से ठीक है। योगराज ने कहा, लेकिन मैं जानता था कि कुछ गड़बड़ है। छह महीने पहले जिस चिकित्सक ने युवराज की जांच की रिपोर्टों को देखा था उसने कहा कि उन्हें उपचार के लिए अमेरिका ले जाना चाहिए। चिकित्सक ने कहा था कि सर्वश्रेष्ठ इलाज अमेरिका में उपलब्ध है लेकिन मैं किसी को दोषी नहीं मानता।
युवराज को अपनी मां शबनम के बेहद करीब माना जाता है जो गुड़गांव में रहती हैं और अभी अपने बेटे के साथ अमेरिका में हैं। योगराज उनसे अलग चंडीगढ़ में रहते हैं। उन्हें हालांकि लगता है कि आखिर में सब कुछ अच्छा हुआ जो युवराज आस्ट्रेलिया में नहीं खेला अन्यथा मामला और बिगड़ सकता था। योगराज ने युवराज से बात करने के बाद कहा, उपचार का सकारात्मक प्रभाव दिख रहा है और ईश्वर ने चाहा तो उन्हें जल्द ही मैदान पर होना चाहिए। युवराज की बीमारी के कारण पिता और पुत्र पहले की तुलना में अधिक करीब हो गए। योगराज ने कहा, युवी शेरदिल इंसान है। वह शेर है। आप फिर से उसे गुर्राते हुए देखोगे।
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