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Wrestlers Protest: पहलवानों के समर्थन में उतरे 1983 विश्व कप विजेता खिलाड़ी, न्‍याय मिलने की उम्‍मीद जताई

दिल्ली के जंतर-मंतर पर 18 जनवरी से बजरंग पुनिया विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित अन्य पहलवान धरने पर बैठे थे। वहीं 28 मई को नई संसद की तरफ मार्च करने के दौरान दिल्ली पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया था।

By Jagran NewsEdited By: Umesh KumarPublished: Fri, 02 Jun 2023 04:14 PM (IST)Updated: Fri, 02 Jun 2023 04:40 PM (IST)
Wrestlers Protest: पहलवानों के समर्थन में उतरे 1983 विश्व कप विजेता खिलाड़ी, न्‍याय मिलने की उम्‍मीद जताई
पहलवानों के विरोध प्रदर्शन के समर्थन में उतरी 1983 विश्व कप जीतने वाली भारतीय टीम। फोटो- एपी

नई दिल्ली, स्पोर्ट्स डेस्क। महिला पहलवानों के यौन शोषण के खिलाफ चले रहे प्रदर्शन के समर्थन में 1983 विश्व कप जीतने वाली टीम इंडिया के खिलाड़ी उतर आए हैं। 28 मई को महिला पहलवानों के साथ ही हुई हाथापाई और दुर्व्यवहार के खिलाफ भारतीय टीम के खिलाड़ियों ने आवाज उठाई है। खिलाड़ियों ने संयुक्त बयान जारी कर कहा कि चैंपियन पहलवानों के साथ मारपीट के दृश्यों से व्यथित और परेशान हैं।

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गौरतलब हो कि डब्ल्यूएफआई (WFI) प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर महिला पहलवानों ने यौन शोषण का आरोप लगाया है। इसके विरोध में दिल्ली के जंतर-मंतर पर 18 जनवरी से बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक सहित अन्य पहलवान धरने पर बैठे थे। वहीं, 28 मई को नई संसद की तरफ मार्च करने के दौरान दिल्ली पुलिस के साथ इनकी झड़प हुई। इसके बाद उन्हें हिरासत में लिया गया और बाद छोड़ भी दिया गया था, जिसके बाद पहलवान अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने के लिए उत्तराखंड पहुंचे हैं।

1983 विश्व कप विजेता टीम ने किया समर्थन

पहलवानों के साथ हुए अभद्र व्यवहार पर कई पूर्व खिलाड़ी दुख जता चुके हैं। ऐसे में 1983 क्रिकेट विश्व कप विजेता टीम ने पहलवानों के विरोध प्रदर्शन पर संयुक्‍त बयान जारी किया है। खिलाड़ियों ने कहा,

"हम अपने चैंपियन पहलवानों के साथ मारपीट के अशोभनीय दृश्यों से व्यथित और परेशान हैं। हमें सबसे अधिक चिंता इस बात की भी है कि वे अपनी मेहनत की कमाई को गंगा नदी में प्रवाहित करने की सोच रहे हैं।"

'जल्द से जल्द मिले पहलवानों को न्याय'

संयुक्त बयान में खिलाड़ियों ने आगे कहा,

"उन पदकों में वर्षों का प्रयास, बलिदान, संकल्प और धैर्य शामिल है और वे न केवल उनके अपने बल्कि देश के गौरव हैं। हम उनसे आग्रह करते हैं कि वे इस मामले में जल्दबाजी में कोई निर्णय न लें और यह भी आशा करते हैं कि उनकी शिकायतों को सुना जाएगा और जल्दी से हल किया जाएगा। देश के कानून को चलने दो।"

बता दें कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट सहित अन्य पहलवान उत्तराखंड अपने मेडल गंगा में प्रवाहित करने पहुंचे हैं। ऋषिकेश में भी पहलवान धरने पर बैठे हैं। 


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