जानिए, जेवलिन में गोल्ड जीतने वाले नीरज की क्यों होती है क्रिकेटर मिशेल जॉनसन से तुलना
14 साल की उम्र में जेवेलिन से नाता जुड़ा तो एक के बाद एक लिखी सफलता की कहानी
नई दिल्ली (जेएनएन)। इंडोनेशिया में चल रहे एशियन गेम्स में भारत को आठवां गोल्ड मेडल दिलाने वाले स्टार एथलीट और जेवलिन थ्रोअर नीरज चोपड़ा को पहले इस खेल से कोई लगाव नहीं था। पहले वे वॉलीबाल और कबड्डी को ज्यादा पसंद करते थे, लेकिन 14 साल की उम्र में जेवेलिन थ्रो से ऐसा लगाव हुआ कि एक के बाद एक वे कई रिकॉर्ड तोड़ते गए।
बचपन में था कबड्डी और वॉलीबाल का शौक
हरियाणा के पानीपत जिले के खंद्रा गांव में 24 दिसंबर, 1997 में जन्मे इस अद्भुत प्रतिभाशाली खिलाड़ी ने कम उम्र में ही अपना सिक्का जमा दिया था। अब तक वे विभिन्न प्रतियोगिताओं में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ चुके हैं। कॉमनवेल्थ गेम्स में जेवलिन में गोल्ड जीतने वाले पहले भारतीय खिलाड़ी होने के साथ-साथ वे अपने पहले ही कॉमनवेल्थ गेम्स में यह कारनामा दिखाने वाले भारतीयों के क्लब में भी शामिल हैं।
#WATCH: Neeraj Chopra on winning gold medal in men's javelin throw final at #AsianGames2018 says, "I dedicate my medal to Atal Bihari Vajpayee ji who was a great man." pic.twitter.com/vSr010U6f0 — ANI (@ANI) August 27, 2018
लखनऊ में तोड़ा पहला रिकॉर्ड
लखनऊ में अंडर 16 खिलाड़ियों की 28वीं जूनियर नेशनल मीट में 2012 में महज 15 साल की उम्र में 68.46 मीटर की दूरी तक जेवलिन फेंककर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था। इसके दो साल बाद ही अंडर 18 मीट में 76.50 मीटर जेवलिन फेंककर राष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाया था।
क्रिकेटर मिशेल जॉनसन से तुलना
नीरज के पूर्व कोच गैरी कालवर्ट उनकी तुलना ऑस्ट्रेलिया के मशहूर क्रिकेटर मिशेल जॉनसन से किया करते थे। आपको बता दें कि अपनी तेज गेंदबाजी से बल्लेबाजों में खौफ पैदा करने वाले जॉनसन क्रिकेट में आने से पहले जेवलिन थ्रोअर बनना चाहते थे। गौरतलब है कि महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर भी क्रिकेट से पहले टेनिस को पसंद करते थे।
गौड़ा के बाद डायमंड लीग में दूसरे भारतीय
विलक्षण प्रतिभा के धनी नीरज के नाम एक और रिकॉर्ड है। डिस्कस थ्रोअर विकास गौड़ा के बाद वे दूसरे भारतीय एथलीट हैं जिन्हें प्रतिष्ठित डायमंड लीग में भाग लेने का मौका मिला है। इस स्पर्धा में वे हालांकि पांचवें नंबर पर आए थे लेकिन उन्होंने 84.67 मीटर जेवेलिन फेंककर अपनी प्रतिभा का परिचय दे दिया था।