सुशील कुमार और साक्षी मलिक का WFI से वार्षिक करार खत्म, मिलते थे 30-30 लाख रुपये
ओलंपिक में दो पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार (74 किग्रा) और 2016 के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (62 किग्रा) को भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के वार्षिक अनुबंध से नॉन परफार्मेस के कारण हटा दिया गया है।
नई दिल्ली, जेएनएन। ओलंपिक में दो पदक जीत चुके पहलवान सुशील कुमार (74 किग्रा) और 2016 के ओलंपिक कांस्य पदक विजेता साक्षी मलिक (62 किग्रा) को अच्छा प्रदर्शन नहीं करने के कारण भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआइ) के वार्षिक अनुबंध से हटा दिया गया है। इनकी जगह युवा पहलवान अंशु मलिक (57 किग्रा) और हरियाणा की सोनम मलिक (62 किग्रा) को ए श्रेणी में शामिल किया गया है।
वहीं, पूजा ढांडा और दिव्या काकरन को औसत प्रदर्शन के कारण फिलहाल इस योजना से बाहर रखा गया है। सुशील और साक्षी अनुबंध में ए श्रेणी का हिस्सा थे, जिसके तहत 2020-21 सत्र के लिए 30 लाख रुपये की वार्षिक वित्तीय सहायता मिली थी। हालांकि, 2021-22 के सत्र के लिए उनको ए कैटेगरी से बाहर रखा गया है। डब्ल्यूएफआइ के सहायक सचिव विनोद तोमर ने कहा कि अगर कोई खिलाड़ी प्रदर्शन नहीं कर रहा है, तो उसे महासंघ से वित्तीय सहायता नहीं मिलेगी।
सुशील कुमार ने 2019 विश्व चैंपियनशिप के बाद से अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में भाग नहीं लिया और नोएडा राष्ट्रीय चैंपियनशिप में भी हिस्सा नहीं लिया था। साक्षी का प्रदर्शन 2016 रियो ओलंपिक में पोडियम फिनिश करने के बाद से उत्साहजनक नहीं रहा है। यहां तक कि घरेलू मोर्चे पर, उन्होंने निराश किया। दिव्या को सी श्रेणी में रखा गया था, जिसके तहत उन्हें वार्षिक 10 लाख रुपये मिलते थे।
सभी चार टोक्यो ओलंपिक कोटा विजेताओं - एशियन गेम्स चैंपियन बजरंग पुनिया (65 किग्रा), रवि दहियाा (57 किग्रा), दीपक पुनिया (86 किग्रा) और विनेश फोगट (53 किग्रा) को 'ए श्रेणी' में रखा गया है। तोमर ने कहा, इन चार पहलवानों की प्रगति संतोषजनक है। इसलिए, वे महासंघ से वित्तीय सहायता प्राप्त करना जारी रखेंगे। पिछले महीने नोएडा में आयोजित राष्ट्रीय चैंपियनशिप के दौरान शीर्ष पहलवानों के प्रदर्शन रिपोर्ट कार्ड की समीक्षा करने के बाद, सुशील और साक्षी को बाहर कर हरियाणा के किशोर पहलवानों अंशु और सोनम को इस सूची में शामिल किया गया।