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सुशील कुमार समेत चार पहलवानों पर मेहरबान WFI, जानिए कैसे हो रहा है पक्षपात

एशियन गेम्स इंडोनेशिया के शहर जकार्ता में 18 अगस्त से दो सितंबर तक चलेंगे।

By Pradeep SehgalEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 12:37 PM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 01:34 PM (IST)
सुशील कुमार समेत चार पहलवानों पर मेहरबान WFI, जानिए कैसे हो रहा है पक्षपात

नई दिल्ली, योगेश शर्मा। दो बार के ओलंपिक पदक विजेता सुशील कुमार (74 किग्रा), साक्षी मलिक (58 किग्रा), गोल्ड कोस्ट कॉमनवेल्थ गेम्स के स्वर्ण पदक विजेता बजरंग पूनिया (61 किग्रा) और विनेश फोगाट (48 किग्रा) जैसे स्टार और अनुभवी पहलवानों पर भारतीय कुश्ती संघ (डबल्यूएफआइ) मेहरबान है। संघ ने सोमवार को फैसला लिया कि ये चारों पहलवान एशियन गेम्स के लिए बिना ट्रायल्स दिए इंडोनेशिया के शहर जकार्ता जाएंगे। एशियन गेम्स 18 अगस्त से दो सितंबर तक चलेंगे। इसके अलावा इन गेम्स के लिए अन्य पुरुष पहलवानों के ट्रायल्स नौ जून को सोनीपत, जबकि महिलाएं उसके अगले दिन लखनऊ में ट्रायल्स देंगी।

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विश्व चैंपियनशिप के लिए चारों देंगे ट्रायल्स

संघ से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि सुशील, बजरंग, साक्षी और विनेश ने हमें पत्र लिखकर विनती की थी कि हमारे प्रदर्शन को ध्यान में रखकर हमारे ट्रायल्स नहीं लिए जाएं और संघ ने उनकी विनती स्वीकार कर ली है। वे चारों पहलवान हमारे पदक के दावेदार हैं और उनके ट्रायल्स कराकर हम उन्हें परेशान नहीं करना चाहते। साक्षी को छोड़ दिया जाए तो तीनों पहलवान एशियन गेम्स में पदक जीत चुके हैं। इन चारों पहलवानों ने हमें बताया कि वे विश्व कुश्ती चैंपियनशिप खेलना चाहते हैं और उसके लिए ट्रायल्स देंगे।

हालांकि इन चारों पहलवानों के भार वर्ग के ट्रायल्स होंगे और उनके वर्ग के विजेता का पहलवान विश्व कुश्ती चैंपियनशिप के ट्रायल्स में इन चारों पहलवानों से भिड़ेगा। जिन पहलवानों को एशियन गेम्स में इन भार वर्ग में खेलने का मौका नहीं मिल रहा तो विश्व चैंपियनशिप के लिए तैयारी करें और ट्रायल्स जीतकर व इन पहलवानों को हराकर विश्व चैंपियनशिप में खेलने जाएं। विश्व कुश्ती चैंपियनशिप 20 अक्टूबर से हंगरी के शहर बुडापेस्ट में शुरु होगी। 

अन्य पहलवानों को नहीं भाया ये फैसला

भारतीय कुश्ती संघ के इस फैसले के बाद युवा पहलवान प्रवीण राणा ने कहा कि 'मैं संघ और अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के फैसले का सम्मान करता हूं। लेकिन इन चारों पहलवानों के भी ट्रायल्स होने चाहिए थे। बड़ा मंच है और हमारा भी सपना इसमें खेलने का था जो अधूरा रह गया। मैंने इसके लिए तैयारी की थी लेकिन अब इसका कोई मतलब नहीं रह गया। हमारा ट्रायल्स देने का भी कोई फायदा नहीं है जब हम गेम्स खेलने नहीं जा रहे हैं। में ये पदक जीत जाते हैं तो विश्व चैंपियनशिप में भी फिर विनती के पत्र संघ को सौंप देंगे और हमारा नुकसान हो जाएगा।' 

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